MID TERM SCIENCE VITH CLASS PRACTICE PAPER

  1. प्रश्न 1. संतुलित आहार क्या है?

    उत्तर:
    संतुलित आहार वह है जिसमें सभी पोषक तत्व (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज, जल) उचित मात्रा में हों ताकि शरीर स्वस्थ, ऊर्जावान और विकसित रहे।


    प्रश्न 2. पोषण की आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति में भिन्न क्यों होती है?

    उत्तर:
    पोषण की आवश्यकता व्यक्ति की आयु, लिंग, शारीरिक गतिविधि, स्वास्थ्य और जलवायु पर निर्भर करती है। जैसे बच्चों को वृद्धि हेतु अधिक प्रोटीन चाहिए, जबकि बुजुर्गों को कैल्शियम और विटामिन D।


    प्रश्न 3. वायु की उपस्थिति से कौन-से तीन कार्य संभव हैं?

    उत्तर:

    1. श्वसन – जीव ऑक्सीजन लेकर सांस लेते हैं।

    2. पवन ऊर्जा – हवा से बिजली उत्पन्न की जाती है।

    3. जलचक्र – हवा में जलवाष्प से बादल और वर्षा बनती है।


    प्रश्न 4. मानव गतिविधियों से वायु प्रदूषण कैसे होता है? कोई दो तरीके बताइए।

    उत्तर:

    1. जीवाश्म ईंधन जलाने से – वाहन और उद्योगों से धुआँ निकलता है।

    2. औद्योगिक उत्सर्जन से – कारखानों से हानिकारक गैसें निकलती हैं।


    प्रश्न 5. वायु प्रदूषण कम करने का एक उपाय लिखिए।

    उत्तर:
    सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, वृक्षारोपण करें या सौर ऊर्जा अपनाएँ।


खण्ड घ (Section D)

  1. रिक्त स्थान भरिए (दिए गए विकल्पों में से चुनें):
    i. लंबाई की S.I. मात्रक मीटर है। (मीटर/किलोमीटर)
    ii. एक किलोमीटर = 1000 मीटर होता है। (100/1000)
    iii. जब कोई वस्तु एक स्थिर स्थिति के चारों ओर आगे-पीछे चलती है, तो उसकी गति को दोलन (Oscillatory) कहते हैं। (वृत्ताकार/दोलन)
    iv. वृक्ष की परिधि मापने के लिए एक लचीली मापन टेप अधिक उपयुक्त है। (टूटी हुई/लचीली)
    v. हिंडोला झूले की गति दोलन गति का उदाहरण है। (रेखीय/वृत्ताकार)

  2. मिलान कीजिए –

कॉलम Aकॉलम B
1. पारदर्शी पदार्थB. काँच
2. अपारदर्शी पदार्थA. लकड़ी
3. चमकीला पदार्थC. स्टील
4. मुलायम पदार्थD. स्पंज
5. कठोर पदार्थE. पत्थर
  1. (I) या (II) में से किसी एक का उत्तर दीजिए-

    (I).a) पोषक तत्वों की परिभाषा दीजिए तथा इनके प्रमुख प्रकार लिखिए।

    • पोषक तत्व (Nutrients) की परिभाषा: पोषक तत्व वे पदार्थ हैं जो जीवित जीवों को बढ़ने, जीवित रहने, प्रजनन करने और स्वस्थ रहने के लिए ऊर्जा, वृद्धि और शरीर के ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक होते हैं।

    • प्रमुख प्रकार:

      1. कार्बोहाइड्रेट: ऊर्जा के मुख्य स्रोत। (उदाहरण: रोटी, चावल, आलू)

      2. प्रोटीन: शरीर की वृद्धि और मरम्मत के लिए आवश्यक। (उदाहरण: दालें, माँस, अंडे)

      3. वसा (Fats): ऊर्जा का एक केंद्रित स्रोत और कुछ विटामिनों के अवशोषण में मदद करता है। (उदाहरण: तेल, घी, मेवे)

      4. विटामिन: शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक विभिन्न नियामक कार्य करते हैं। (उदाहरण: विटामिन A, B, C, D, E, K)

      5. खनिज (Minerals): हड्डियों, दाँतों के निर्माण और शरीर के विभिन्न कार्यों के लिए महत्वपूर्ण। (उदाहरण: कैल्शियम, आयरन, आयोडीन)

      6. जल (Water): शरीर के कुल वजन का एक बड़ा हिस्सा बनाता है और सभी शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए आवश्यक है।

    b) हमें अपने दैनिक आहार में फल और सब्जियाँ सम्मिलित करने की सलाह क्यों दी जाती है?

    • हमें अपने दैनिक आहार में फल और सब्जियाँ सम्मिलित करने की सलाह निम्नलिखित कारणों से दी जाती है:

      • विटामिन और खनिज: वे आवश्यक विटामिन (जैसे विटामिन C, A) और खनिजों (जैसे पोटेशियम, आयरन) के समृद्ध स्रोत हैं जो शरीर के उचित कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं।

      • फाइबर (Fiber): वे आहार फाइबर प्रदान करते हैं जो पाचन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, कब्ज को रोकने में मदद करता है और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।

      • एंटीऑक्सीडेंट: उनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं, जिससे पुरानी बीमारियों का खतरा कम होता है।

      • कम कैलोरी, उच्च पोषण: वे आमतौर पर कैलोरी में कम और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करते हैं।

      • बीमारियों से बचाव: फल और सब्जियों का नियमित सेवन हृदय रोग, स्ट्रोक, कुछ प्रकार के कैंसर और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है।

    अथवा

    (II).a) किन्हीं तीन विटामिनों के नाम और उनके प्राकृतिक स्रोत लिखिए।

    1. विटामिन C:

      • स्रोत: खट्टे फल (संतरा, नींबू), अमरूद, आँवला, टमाटर, शिमला मिर्च।

    2. विटामिन A:

      • स्रोत: गाजर, शकरकंद, पालक, कद्दू, पपीता, अंडे की जर्दी।

    3. विटामिन D:

      • स्रोत: सूर्य का प्रकाश (त्वचा द्वारा संश्लेषित), वसायुक्त मछली (सैलमन, टूना), अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध।

    b) कुछ सब्ज़ियाँ पकाते समय अपने पोषक तत्व क्यों खो देती हैं, समझाइए।

    • सब्जियाँ पकाते समय अपने पोषक तत्व खो सकती हैं, खासकर विटामिन और कुछ खनिज, इन कारणों से:

      1. गर्मी के प्रति संवेदनशीलता: विटामिन C और कुछ B विटामिन गर्मी के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं और खाना पकाने के उच्च तापमान पर आसानी से टूट जाते हैं।

      2. पानी में घुलनशील: विटामिन C और B विटामिन पानी में घुलनशील होते हैं। जब सब्जियों को पानी में उबाला जाता है, तो ये विटामिन पानी में घुल जाते हैं और यदि पानी को फेंक दिया जाता है, तो वे खो जाते हैं।

      3. ऑक्सीकरण: हवा के संपर्क में आने और गर्मी से कुछ पोषक तत्वों (जैसे विटामिन) का ऑक्सीकरण हो सकता है, जिससे वे अपनी प्रभावशीलता खो देते हैं।

      4. लंबे समय तक पकाना: सब्जियों को बहुत देर तक पकाने से पोषक तत्वों का नुकसान बढ़ जाता है।

    • न्यूनतम नुकसान के तरीके: पोषक तत्वों के नुकसान को कम करने के लिए, सब्जियों को कम पानी में भाप देना, हलका तलना या माइक्रोवेव करना बेहतर होता है, और यदि उबाला जाए तो उसी पानी का उपयोग करना चाहिए (जैसे सूप में)।


खण्ड ड (Section E)

  1. डॉ. रघु और मनीराम चाचा वर्षा के बाद बच्चों को प्रकृति भ्रमण पर ले गए। उन्होंने विभिन्न पौधों और जानवरों को देखा, जिनमें अलग-अलग स्वर निकालने वाले पक्षी भी थे। छात्रों ने पौधों की तना, पत्तियाँ, बीज आदि के आधार पर विभिन्न विशेषताएँ देखीं।

    a) पौधों को उनकी ऊँचाई और तने के प्रकार के आधार पर किन्हीं दो समूहों में वर्गीकृत कीजिए।

    • पौधों को उनकी ऊँचाई और तने के प्रकार के आधार पर निम्नलिखित दो समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

      1. शाक (Herbs): छोटे पौधे, मुलायम, हरे और कमजोर तने वाले। आमतौर पर छोटे जीवनकाल के होते हैं।

        • उदाहरण: तुलसी, पुदीना, टमाटर।

      2. झाड़ी (Shrubs): मध्यम आकार के पौधे, तना कठोर और शाखित होता है, जो जमीन के पास से कई शाखाएँ निकालता है।

        • उदाहरण: गुलाब, नींबू, गुड़हल।

      3. वृक्ष (Trees): बड़े और ऊँचे पौधे, कठोर, मोटा और मजबूत लकड़ी वाला तना (ट्रंक) होता है, जिसमें ऊपर से शाखाएँ निकलती हैं।

        • उदाहरण: आम, नीम, बरगद।

      • (कोई भी दो समूह चुनें।)

    b) आम और गुलाब को इन समूहों में वर्गीकृत कीजिए।

    • आम (Mango): वृक्ष (Tree)

    • गुलाब (Rose): झाड़ी (Shrub)

    (c) या (d) में से किसी एक का उत्तर दीजिए-

    c) आरोही लता की परिभाषा लिखिए। ये विसर्पी लता से कैसे भिन्न हैं?

    • आरोही लता (Climbers): आरोही लताएँ वे पौधे होते हैं जिनके तने कमजोर होते हैं और वे ऊपर चढ़ने के लिए अन्य पौधों, दीवारों या किसी सहारे का उपयोग करते हैं। इनमें विशेष संरचनाएँ होती हैं जैसे प्रतान (tendrils) जो उन्हें सहारा देती हैं।

    • विसर्पी लता (Creepers) से भिन्नता:

      • आरोही लता: ऊपर की ओर बढ़ती हैं और सहारे की तलाश करती हैं।

      • विसर्पी लता: जमीन पर फैलती हैं और क्षैतिज रूप से बढ़ती हैं, क्योंकि उनके फल या तने का वजन उन्हें ऊपर उठने नहीं देता। उनके तने कमजोर और पतले होते हैं।

      • उदाहरण: आरोही लता – मटर, अंगूर; विसर्पी लता – कद्दू, तरबूज।

    या

    d) तुलसी और साधारण घास के तने व पत्तियों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।

    • तुलसी (Basil):

      • तना: तुलसी का तना शाकीय होता है, हरा और थोड़ा कठोर होता है, आमतौर पर शाखाएँ होती हैं। इसमें गांठें होती हैं जहाँ से पत्तियाँ निकलती हैं।

      • पत्तियाँ: पत्तियाँ साधारण होती हैं, विपरीत क्रम में लगी होती हैं (एक ही गांठ से दो पत्तियाँ एक-दूसरे के विपरीत निकलती हैं)। पत्तियों में जालिकावत शिराविन्यास (reticulate venation) होता है।

    • साधारण घास (Common Grass):

      • तना: घास का तना आमतौर पर पतला, खोखला या ठोस हो सकता है, गांठों और पर्वों में बँटा होता है। यह सीधा या जमीन पर फैलने वाला हो सकता है।

      • पत्तियाँ: पत्तियाँ लंबी, संकीर्ण और समानांतर शिराविन्यास (parallel venation) वाली होती हैं। वे तने से पत्ती के आवरण (leaf sheath) के माध्यम से जुड़ी होती हैं।

  2. विद्यार्थी एक बस में पौधों और जानवरों का अध्ययन करने के लिए सैर पर जा रहे हैं। दूसरी कक्षा के विद्यार्थी बस के बाहर से बस में बैठे यात्रियों को देख रहे हैं।

    a) क्या यात्री एक-दूसरे के सापेक्ष गति में हैं?

    • नहीं, बस के अंदर बैठे यात्री एक-दूसरे के सापेक्ष गति में नहीं हैं। वे बस के साथ ही चल रहे हैं, इसलिए उनकी सापेक्ष स्थिति एक-दूसरे के संबंध में नहीं बदल रही है।

    b) क्या यात्री पेड़ों के सापेक्ष गति में हैं?

    • हाँ, बस के अंदर बैठे यात्री पेड़ों के सापेक्ष गति में हैं। जैसे-जैसे बस आगे बढ़ती है, यात्रियों की स्थिति पेड़ों के संबंध में लगातार बदलती रहती है।

    (c) या (d) में से किसी एक का उत्तर दीजिए-

    c) गति निर्धारित करने में संदर्भ बिंदु का महत्व समझाइए।

    • संदर्भ बिंदु (Reference Point) का महत्व: गति को समझने और निर्धारित करने के लिए संदर्भ बिंदु अत्यंत महत्वपूर्ण है। गति हमेशा सापेक्ष होती है। कोई भी वस्तु स्थिर या गतिशील केवल किसी संदर्भ बिंदु के संबंध में होती है।

      • यदि कोई वस्तु किसी संदर्भ बिंदु के सापेक्ष अपनी स्थिति बदलती है, तो उसे गतिशील कहा जाता है।

      • यदि कोई वस्तु किसी संदर्भ बिंदु के सापेक्ष अपनी स्थिति नहीं बदलती है, तो उसे स्थिर कहा जाता है।

    • उदाहरण: बस में बैठा यात्री बस के सापेक्ष स्थिर है, लेकिन सड़क के किनारे खड़े पेड़ के सापेक्ष गतिशील है। संदर्भ बिंदु के बिना, यह निर्धारित करना असंभव है कि कोई वस्तु गति में है या नहीं।

    या

    d) सीधी सड़क पर चलती बस किस प्रकार की गति प्रदर्शित करती है? परिभाषित कीजिए।

    • सीधी सड़क पर चलती बस रेखीय गति (Rectilinear Motion) या सरल रेखीय गति (Linear Motion) प्रदर्शित करती है।

    • परिभाषा: रेखीय गति किसी वस्तु की वह गति है जिसमें वह एक सीधी रेखा में चलती है। इस गति में वस्तु की स्थिति समय के साथ एक ही सीधी दिशा में बदलती है।

    • उदाहरण: एक सीधी सड़क पर चलती कार, एक गिरता हुआ पत्थर।

  3. गुलन की माँ ने पानी में चीनी, नमक और नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई। गुलन ने देखा कि चीनी और नमक पानी में गायब हो गए।

    a) चीनी और नमक पानी में क्यों गायब हो गए?

    • चीनी और नमक पानी में “गायब” हो गए क्योंकि वे पानी में घुल गए। पानी एक सार्वभौमिक विलायक है, और चीनी (सुक्रोज) और नमक (सोडियम क्लोराइड) दोनों पानी में घुलनशील पदार्थ हैं। जब उन्हें पानी में मिलाया जाता है, तो उनके कण पानी के कणों के बीच के खाली स्थानों में समान रूप से फैल जाते हैं और एक समांगी मिश्रण (घोल) बनाते हैं, जिससे वे आँखों को दिखाई नहीं देते।

    b) इससे हमें चीनी और नमक की विलेयता के बारे में क्या जानकारी मिलती है?

    • इससे हमें यह जानकारी मिलती है कि चीनी और नमक दोनों ही पानी में विलेय (soluble) हैं। इसका मतलब है कि वे पानी में घुल सकते हैं और एक स्पष्ट घोल बना सकते हैं।

    (c) या (d) में से किसी एक का उत्तर दीजिए-

    c) क्या रेत भी पानी में ऐसा ही व्यवहार करेगी? क्यों या क्यों नहीं?

    • नहीं, रेत पानी में ऐसा ही व्यवहार नहीं करेगी।

    • कारण: रेत (सिलिका) पानी में अविलेय (insoluble) होती है। जब रेत को पानी में मिलाया जाता है, तो वह घुलने की बजाय नीचे बैठ जाती है या पानी में निलंबित रहती है, और एक विषमांगी मिश्रण बनाती है। रेत के कण पानी के कणों के बीच के खाली स्थानों में फिट नहीं हो पाते हैं।

    या

    d) पानी में पाई जाने वाली कोई दो गैसों के नाम लिखिए।

    • पानी में पाई जाने वाली कोई दो गैसें हैं:

      1. ऑक्सीजन (Oxygen – O₂): जलीय जीवन के लिए आवश्यक (मछलियाँ और अन्य जलीय जीव घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं)।

      2. कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide – CO₂): पानी में घुल जाती है और कार्बोनेट बनाती है, जो जलीय पौधों और कुछ जीवों के लिए महत्वपूर्ण है।

  4. हमारे देश में नदियाँ, झरने और झीलें प्रचुर मात्रा में हैं। ये सभी मीठे पानी के स्रोत हैं, फिर भी हमें स्वच्छ जल की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि जल लगातार प्रदूषित होता जा रहा है।

    a) जल प्रदूषण क्या है?

    • जल प्रदूषण (Water Pollution): जल प्रदूषण तब होता है जब हानिकारक पदार्थ (जैसे रसायन, सूक्ष्मजीव, अपशिष्ट जल या औद्योगिक बहिस्त्राव) जल निकायों (जैसे नदियों, झीलों, महासागरों, भूजल) में मिल जाते हैं, जिससे जल की गुणवत्ता बिगड़ जाती है और यह मानव उपयोग या जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो जाता है।

    b) जल प्रदूषण उत्पन्न करने वाली कोई दो मानव गतिविधियाँ लिखिए।

    • जल प्रदूषण उत्पन्न करने वाली दो मानव गतिविधियाँ:

      1. घरेलू सीवेज और अनुपचारित अपशिष्ट जल का निर्वहन: घरों से निकलने वाला अनुपचारित सीवेज (मल-मूत्र, डिटर्जेंट युक्त पानी) सीधे नदियों या अन्य जल निकायों में छोड़ने से पानी में कार्बनिक पदार्थ, पोषक तत्व और रोगजनक बढ़ जाते हैं।

      2. औद्योगिक अपशिष्टों का निर्वहन: कारखानों और उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक अपशिष्टों (जैसे भारी धातुएँ, विषैले रसायन, गर्म पानी) को बिना उपचारित किए जल निकायों में छोड़ने से पानी गंभीर रूप से प्रदूषित होता है।

      3. कृषि अपवाह: खेतों से बहकर आने वाला पानी जिसमें कीटनाशक, शाकनाशी और उर्वरक होते हैं, नदियों और झीलों में मिलकर जल प्रदूषण का कारण बनते हैं (यह भी एक स्वीकार्य उत्तर है)।

    (c) या (d) में से किसी एक का उत्तर दीजिए-

    c) वर्षा जल संचयन की परिभाषा दीजिए।

    • वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting): वर्षा जल संचयन एक विधि है जिसमें वर्षा के जल को सीधे जमीन में बहने देने या व्यर्थ होने देने के बजाय उसे इकट्ठा करके और संग्रहीत करके बाद में उपयोग किया जाता है। इसमें छतों से वर्षा जल को इकट्ठा करना और इसे टैंकों में संग्रहीत करना या भूजल पुनर्भरण के लिए सीधे जमीन में डालना शामिल हो सकता है।

    या

    d) जल की बर्बादी कम करने के कोई दो उपाय लिखिए।

    • जल की बर्बादी कम करने के कोई दो उपाय:

      1. नल लीक होने से रोकना: घरों में लीक हो रहे नलों, पाइपों और शौचालयों की तुरंत मरम्मत करवाना, क्योंकि इनसे बड़ी मात्रा में पानी व्यर्थ हो सकता है।

      2. कम पानी का उपयोग करने वाले उपकरण अपनाना: कम पानी की खपत वाले शौचालय, वॉशिंग मशीन और शॉवरहेड का उपयोग करना।

      3. बुद्धिमान सिंचाई (Smart Irrigation): कृषि में ड्रिप सिंचाई (drip irrigation) और स्प्रिंकलर (sprinkler) जैसी तकनीकों का उपयोग करना, जिससे पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुँचे और वाष्पीकरण से होने वाला नुकसान कम हो।

      4. दैनिक आदतों में बदलाव: ब्रश करते समय या बर्तन धोते समय नल बंद रखना, कम समय तक स्नान करना, और पौधों को सुबह या शाम को पानी देना ताकि वाष्पीकरण कम हो।

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