RBI Repo Rate

 

Repo Rate क्या है?

Repo Rate वह ब्याज दर (interest rate) है, जिस पर भारत का केंद्रीय बैंक RBI (Reserve Bank of India) देश के बैंकों को कम समय के लिए पैसा उधार देता है।

मतलब जब किसी बैंक को पैसों की जरूरत होती है, तो वह अपने पास रखे सरकारी बॉन्ड गिरवी रखकर RBI से लोन लेता है। इस लोन पर जो ब्याज देना पड़ता है, वही Repo Rate कहलाता है।


Repo Rate को ऐसे याद रखो:

RBI➡️बैंक➡️हम (Customers)
पैसा उधार देताब्याज लेता (Repo Rate)बैंक हमसे लोन पर ब्याज लेता

तो अगर RBI Repo Rate बढ़ा देता है, तो बैंक को लोन महंगा पड़ता है → बैंक भी हमसे लोन का ज्यादा ब्याज मांगते हैं।

और अगर RBI Repo Rate घटा देता है, तो बैंक को सस्ता लोन मिलता है → बैंक हमें भी सस्ते ब्याज पर लोन दे सकते हैं।


Repo Rate क्यों Important है?

  • महंगाई (Inflation) को कंट्रोल करने के लिए।
  • इकोनॉमी की ग्रोथ को बढ़ाने या कम करने के लिए।
  • बैंकिंग सिस्टम में पैसा (liquidity) बढ़ाने या घटाने के लिए।

एक लाइन में:
👉 Repo Rate = वो रेट जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक (Short term) लोन देता है।


 

“Repo rate” (जिसे policy repo rate भी कहते हैं) को बढ़ाने या घटाने का सीधा असर आपकी रोज़मर्रा की जिंदगी और देश की इकोनॉमी पर पड़ता है। चलिए आसान भाषा में समझते हैं:


Repo Rate बढ़ाने का असर:

  1. लोन महंगे हो जाते हैं:
    • बैंक जब RBI से महंगे ब्याज पर पैसा लेंगे, तो वे ग्राहकों को भी महंगे ब्याज पर लोन देंगे।
    • मतलब आपकी EMI (Home loan, Car loan, Personal loan) बढ़ सकती है।
  2. Saving ज़्यादा फायदेमंद बनती है:
    • बैंक डिपॉजिट्स (FD, RD) पर ब्याज बढ़ सकता है।
    • लोग खर्च कम करके सेविंग करने लगते हैं।
  3. महंगाई पर कंट्रोल:
    • महंगे लोन के कारण लोग खर्चा कम करते हैं → डिमांड घटती है → महंगाई (inflation) काबू में आती है।
  4. Growth धीमी हो सकती है:
    • बिज़नेस को भी महंगा लोन लेना पड़ता है, जिससे इन्वेस्टमेंट और ग्रोथ धीमी हो सकती है।

Repo Rate घटाने का असर:

  1. लोन सस्ते हो जाते हैं:
    • बैंक कम ब्याज दर पर लोन देते हैं।
    • EMI कम हो सकती है → लोन लेना आसान।
  2. Saving का रिटर्न घट सकता है:
    • FD, RD पर ब्याज कम हो जाता है।
    • लोग सेविंग की बजाय खर्च करना पसंद करते हैं।
  3. महंगाई बढ़ने का रिस्क:
    • लोग ज़्यादा खरीदारी करते हैं → डिमांड बढ़ती है → अगर सप्लाई कम हुई तो महंगाई बढ़ सकती है।
  4. Growth को Boost मिलता है:
    • बिज़नेस सस्ता लोन लेकर ज़्यादा इन्वेस्ट करते हैं।
    • इकोनॉमी तेज़ी से बढ़ सकती है।

Short में:

  • Repo rate बढ़ाना = महंगाई कम करने की कोशिश, लोन महंगे।
  • Repo rate घटाना = ग्रोथ बढ़ाने की कोशिश, लोन सस्ते।

 

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