सजीव जगत में विविधता

अध्याय 2: सजीव जगत में विविधता

मुख्य बिंदु:

  • सजीवों की विविधता: हमारे आस-पास पेड़-पौधों और जंतुओं की बहुत सारी अलग-अलग किस्में पाई जाती हैं।

  • अवलोकन का महत्व: प्रकृति में घूमते समय पेड़-पौधों और जंतुओं को ध्यान से देखना और उनके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। हमें उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए।

  • पौधों का वर्गीकरण:

    • शाक (Herbs): छोटे पौधे जिनके तने कोमल और हरे होते हैं, जैसे टमाटर।

    • झाड़ी (Shrubs): मध्यम आकार के पौधे जिनके तने कठोर और लकड़ी जैसे होते हैं, और शाखाएँ भूमि के पास से निकलती हैं, जैसे गुलाब।

    • वृक्ष (Trees): बड़े और ऊँचे पौधे जिनके तने मोटे, कठोर और लकड़ी जैसे होते हैं, और शाखाएँ तने के ऊपरी हिस्से से निकलती हैं, जैसे आम।

    • आरोही लता (Climbers): कमजोर तने वाले पौधे जिन्हें ऊपर चढ़ने के लिए सहारे की ज़रूरत होती है।

    • विसर्पी लता (Creepers): कमजोर तने वाले पौधे जो ज़मीन पर फैलकर बढ़ते हैं।

  • पत्तियों में शिरा-विन्यास (Vein patterns in leaves):

    • जालिकारूपी शिरा-विन्यास: पत्तियों में शिराएँ एक जाल जैसा पैटर्न बनाती हैं, जैसे गुड़हल।

    • समांतर शिरा-विन्यास: पत्तियों में शिराएँ एक-दूसरे के समानांतर चलती हैं, जैसे केला और घास।

  • जड़ों के प्रकार:

    • मूसला जड़ (Taproot): एक मुख्य मोटी जड़ जिससे छोटी-छोटी पार्श्व जड़ें निकलती हैं, जैसे सरसों।

    • झकड़ा जड़ (Fibrous root): समान माप की पतली जड़ों का गुच्छा जो तने के आधार से निकलता है, जैसे घास।

  • बीजों के प्रकार:

    • द्विबीजपत्री (Dicot): जिन बीजों में दो बीजपत्र होते हैं, जैसे चना।

    • एकबीजपत्री (Monocot): जिन बीजों में एक बीजपत्र होता है, जैसे मक्का।

  • पौधों, जड़ों और पत्तियों का संबंध: जालिकारूपी शिरा-विन्यास वाले पौधों में मूसला जड़ें होती हैं, और समांतर शिरा-विन्यास वाले पौधों में झकड़ा जड़ें होती हैं। द्विबीजपत्री पौधों में जालिकारूपी शिरा-विन्यास और मूसला जड़ें होती हैं, जबकि एकबीजपत्री पौधों में समांतर शिरा-विन्यास और झकड़ा जड़ें होती हैं।

  • जंतुओं में विविधता: जंतुओं में गति के तरीके (उड़ना, चलना, रेंगना, तैरना) और उनके रहने के स्थान (भूमि, जल) के आधार पर विविधता होती है।

  • अनुकूलन (Adaptation): किसी विशेष क्षेत्र में जीवित रहने के लिए पौधों और जंतुओं में कुछ खास विशेषताएँ होती हैं, जिन्हें अनुकूलन कहते हैं।

  • आवास (Habitat): वह स्थान जहाँ पौधे और जंतु रहते हैं।

    • थलीय आवास: भूमि पर रहने वाले सजीवों का आवास (जैसे वन, रेगिस्तान, पहाड़)।

    • जलीय आवास: जल में रहने वाले सजीवों का आवास (जैसे तालाब, झील, समुद्र)।

    • उभयचर: जो जल और थल दोनों जगह रह सकते हैं, जैसे मेंढक।

  • जैव विविधता का संरक्षण: आवासों के नष्ट होने से जैव विविधता को नुकसान होता है। हमें पेड़-पौधों और जंतुओं को बचाने के लिए जैव विविधता की रक्षा करनी चाहिए।


महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (सरल हिंदी में):

प्रश्न 1: शाक, झाड़ी और वृक्ष में क्या अंतर है?
उत्तर:

  • शाक: छोटे पौधे, तने कोमल और हरे, जैसे टमाटर।

  • झाड़ी: मध्यम आकार के पौधे, तने कठोर और लकड़ी जैसे, शाखाएँ ज़मीन के पास से निकलती हैं, जैसे गुलाब।

  • वृक्ष: बड़े और ऊँचे पौधे, तने बहुत मोटे और कठोर, शाखाएँ ऊपर से निकलती हैं, जैसे आम।

प्रश्न 2: पत्तियों के शिरा-विन्यास कितने प्रकार के होते हैं? उदाहरण सहित बताएँ।
उत्तर: पत्तियों के शिरा-विन्यास दो प्रकार के होते हैं:

  1. जालिकारूपी शिरा-विन्यास: जब शिराएँ पत्ती में एक जाल जैसा पैटर्न बनाती हैं। उदाहरण: गुड़हल की पत्ती।

  2. समांतर शिरा-विन्यास: जब शिराएँ एक-दूसरे के समानांतर चलती हैं। उदाहरण: केले और घास की पत्ती।

प्रश्न 3: मूसला जड़ और झकड़ा जड़ में क्या अंतर है?
उत्तर:

  • मूसला जड़: इसमें एक मोटी मुख्य जड़ होती है जिससे छोटी-छोटी जड़ें निकलती हैं। उदाहरण: सरसों, गुड़हल।

  • झकड़ा जड़: इसमें पतली जड़ों का एक गुच्छा होता है जो तने के ठीक नीचे से निकलता है। उदाहरण: घास, गेहूँ।

प्रश्न 4: द्विबीजपत्री और एकबीजपत्री बीज क्या होते हैं? इनमें क्या संबंध होता है जड़ों और पत्तियों से?
उत्तर:

  • द्विबीजपत्री: ऐसे बीज जिनके दो बराबर हिस्से हो सकते हैं (दो बीजपत्र), जैसे चना। इनके पौधों में आमतौर पर जालिकारूपी शिरा-विन्यास और मूसला जड़ें होती हैं।

  • एकबीजपत्री: ऐसे बीज जिनका एक ही बीजपत्र होता है, जैसे मक्का। इनके पौधों में आमतौर पर समांतर शिरा-विन्यास और झकड़ा जड़ें होती हैं।

प्रश्न 5: अनुकूलन और आवास को परिभाषित करें।
उत्तर:

  • अनुकूलन: किसी पौधे या जंतु की वह खास विशेषता जो उसे एक विशेष जगह (परिवेश) पर जीवित रहने में मदद करती है।

  • आवास: वह जगह जहाँ कोई पौधा या जंतु स्वाभाविक रूप से रहता है, जहाँ उसे भोजन, पानी और रहने की जगह मिलती है।

प्रश्न 6: हमें जैव विविधता का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
उत्तर: हमें जैव विविधता का संरक्षण करना चाहिए क्योंकि जब किसी पौधे या जंतु का आवास नष्ट हो जाता है, तो वे अपने घर, भोजन और अन्य ज़रूरी चीज़ों से वंचित हो जाते हैं। इससे उनकी संख्या कम हो जाती है या वे खत्म हो सकते हैं। जैव विविधता हमारे ग्रह को स्वस्थ और जीवन से भरपूर बनाए रखने के लिए बहुत ज़रूरी है।


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