अध्याय “सूक्ष्मजीव : मित्र और शत्रु”

🌱 सूक्ष्मजीव (Microorganisms)
➤ परिभाषा:
सूक्ष्मजीव बहुत छोटे जीव होते हैं जिन्हें हम नंगी आँखों से नहीं देख सकते, केवल सूक्ष्मदर्शी से देखे जा सकते हैं।
➤ प्रकार:
- जीवाणु (Bacteria)
- विषाणु (Virus)
- फफूंद (Fungi)
- प्रोटोजोआ (Protozoa)
- शैवाल (Algae)
🌿 सूक्ष्मजीव कहाँ पाए जाते हैं?
- वायु, जल, मिट्टी, बर्फ, गरम झरने — सभी स्थानों पर।
- हमारे शरीर के अंदर और बाहर भी होते हैं।
🧬 सूक्ष्मजीवों का वर्गीकरण
उपयोगी | हानिकारक |
---|---|
खाद्य निर्माण, औषधि, नाइट्रोजन स्थिरीकरण | रोग फैलाना, भोजन खराब करना |
✅ सूक्ष्मजीवों के लाभ
➤ भोजन बनाने में:
- दही जमाने में – लैक्टोबैसिलस
- बेकिंग – यीस्ट से ब्रेड और केक फूलते हैं।
➤ औषधियाँ:
- एंटीबायोटिक्स जैसे – पेनिसिलिन (फफूंद से प्राप्त)
- टीके (Vaccines) – चेचक, पोलियो, खसरा आदि के।
➤ पर्यावरण में:
- मृत जीवों का अपघटन करते हैं।
- मृदा में नाइट्रोजन मिलाने में मदद करते हैं (e.g. राइजोबियम)।
❌ सूक्ष्मजीवों के नुकसान
➤ रोग फैलाते हैं:
- मनुष्यों में – टी.बी., हैजा, खसरा, पोलियो
- पशुओं में – गलघोंटू
- पौधों में – गेहूँ, कपास, नारंगी की फसलें खराब करना
➤ भोजन को खराब करना:
- खुले या गंदे स्थान पर रखा भोजन फफूंद या बैक्टीरिया से सड़ जाता है।
🧪 रक्षा के उपाय
- खाना ढँक कर रखना
- साफ पानी पीना
- टीकाकरण (Vaccination)
- बर्तनों को उबालना
🧫 संरक्षण के तरीके (Food Preservation)
- खाना गरम करना और ठंडा करना (Pasteurization)
- सुखाना, नमक या चीनी डालना
- रासायनिक संरक्षक
- रेफ्रिजरेशन / फ्रीज करना
📦 नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle)
- बैक्टीरिया मिट्टी में नाइट्रोजन मिलाते हैं, पौधे इसे लेते हैं।
- पौधों को खाने वाले जानवर मरने के बाद, वही नाइट्रोजन फिर मिट्टी में वापस जाती है।
🔁 महत्वपूर्ण गतिविधियाँ और उदाहरण
- फरमेंटेशन का प्रयोग: यीस्ट के कारण चीनी से अल्कोहल बनती है।
- Pasteurization: दूध को 70°C पर 15-30 सेकंड गरम करना फिर तुरंत ठंडा करना।
✍️ संक्षिप्त प्रश्नों के उत्तर के लिए ध्यान रखने योग्य बातें:
- वायरस निर्जीव और सजीव के बीच होते हैं।
- Penicillin एक एंटीबायोटिक है जो फफूंद से प्राप्त होती है।
- Rhizobium बैक्टीरिया नाइट्रोजन स्थिर करता है।
- खसरा, टी.बी., डेंगू – वायरस से फैलते हैं।
📄 प्रश्नों के उत्तर
(कक्षा 8 – विज्ञान | अध्याय 2:
🟨 1. रिक्त स्थान भरिए:
(क) लघुजीवों को सूक्ष्मदर्शी (Microscope) की सहायता से देखा जा सकता है।
(ख) नीले-हरे शैवाल वायु से नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं।
(ग) एल्कोहल का उत्पादन यीस्ट (खमीर) नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
(घ) हैजा जीवाणु (Vibrio cholerae) के द्वारा होता है।
🟨 2. सही उत्तर चुनिए:
(क) यीस्ट का उपयोग → एल्कोहल बनाने में ✔
(ख) स्ट्रेप्टोमाइसिन एक एंटीबायोटिक है ✔
(ग) मलेरिया परजीवी का वाहक → मादा एनोफिलीज मच्छर ✔
🟨 3. स्तंभ मिलान करें:
स्तंभ A | स्तंभ B |
---|---|
(क) जीवाणु | (iii) हैजा |
(ख) राइजोबियम | (i) नाइट्रोजन स्थिरीकरण |
(ग) लैक्टोबैसिलस | (ii) दही जमाना |
(घ) विषाणु | (iv) मलेरिया |
🟨 4. क्या सूक्ष्मजीवों को बिना यंत्र के देखा जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, सूक्ष्मजीव बहुत छोटे होते हैं, इन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ही देखा जा सकता है।
🟨 5. सूक्ष्मजीवों के मुख्य वर्ग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- जीवाणु (Bacteria)
- विषाणु (Virus)
- कवक (Fungi)
- प्रोटोजोआ (Protozoa)
- शैवाल (Algae)
🟨 6. नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक सूक्ष्मजीव:
उत्तर:
- राइजोबियम (दालों की जड़ों में)
- नीले-हरे शैवाल (जल या मिट्टी में)
🟨 7. हमारे जीवन में उपयोगी सूक्ष्मजीवों पर 10 पंक्तियाँ:
- दही बनाने में लैक्टोबैसिलस उपयोगी है।
- यीस्ट ब्रेड और इडली फूलाने में मदद करता है।
- राइजोबियम नाइट्रोजन स्थिर करता है।
- पेनिसिलिन जैसी एंटीबायोटिक कवक से बनती है।
- खाद बनाकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।
- कुछ सूक्ष्मजीव कीटनाशक का काम करते हैं।
- पनीर बनाने में सहायक होते हैं।
- सीवेज ट्रीटमेंट में उपयोगी हैं।
- विटामिन-B12 बनाने में मदद करते हैं।
- प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पाचन में सहायक हैं।
🟨 8. सूक्ष्मजीवों से होने वाली हानियाँ:
उत्तर:
- बीमारियाँ: टीबी, हैजा, मलेरिया
- बासी भोजन खराब होना
- फसलों में रोग (जैसे गेहूं में जंग)
- दवाओं पर असर कम होना (रेजिस्टेंस)
🟨 9. एंटीबायोटिक्स और सावधानियाँ:
उत्तर:
- एंटीबायोटिक ऐसी दवाएँ हैं जो हानिकारक जीवाणुओं को मारती हैं।
- सावधानियाँ:
- डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
- कोर्स पूरा करें।
- जरूरत से ज्यादा न लें।
🔬 क्रियाकलापों पर आधारित उत्तर
1. जड़ों की गाँठें (नोड्यूल्स):
- चना, मटर जैसे पौधों की जड़ों पर छोटी गाँठें दिखती हैं।
- इनमें राइजोबियम जीवाणु होते हैं, जो नाइट्रोजन स्थिर करते हैं।
2. दही/जैम के लेबल अवलोकन:
- दही: लेबल पर लैक्टोबैसिलस का उल्लेख।
- जैम: परिरक्षक के रूप में शक्कर या सोर्बिक अम्ल।
3. एंटीबायोटिक का दुष्प्रभाव:
- बार-बार लेने से जीवाणु दवा के प्रति प्रतिरोधक बन जाते हैं।
- इससे दवाएँ बेअसर हो जाती हैं।
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