लंबाई एवं गति का मापन (Measurement of Length and Motion) – नोट्स
1. मापन क्या है?
मापन का मतलब है किसी चीज़ की लंबाई, दूरी, वजन आदि को किसी मानक (निश्चित) इकाई से तुलना करना।
मापन के दो हिस्से होते हैं: एक संख्या और एक मात्रक (यूनिट)।
उदाहरण: 2 मीटर में ‘2’ संख्या है और ‘मीटर’ मात्रक है।
2. पुराने समय में मापन के तरीके (जो विश्वसनीय नहीं थे)
पुराने समय में लोग शरीर के अंगों का उपयोग करके लंबाई मापते थे, जैसे:
बालिश्त (Handspan): हाथ के पंजे की लंबाई।
कदम (Footstep): पैर के पंजे की लंबाई।
अँगुल (Finger width): उंगली की चौड़ाई।
ये तरीके भरोसेमंद नहीं थे क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर के अंगों की माप अलग-अलग होती है, इसलिए माप भी अलग-अलग आती थी।
3. मानक मात्रक (Standard Units)
मापन में होने वाली गड़बड़ी को दूर करने के लिए पूरी दुनिया ने कुछ निश्चित मात्रकों को अपनाया है, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (SI Units) कहते हैं।
लंबाई का SI मात्रक: मीटर (m)।
मीटर के छोटे और बड़े मात्रक:
1 मीटर (m) = 100 सेंटीमीटर (cm)
1 सेंटीमीटर (cm) = 10 मिलीमीटर (mm)
1 किलोमीटर (km) = 1000 मीटर (m)
4. लंबाई मापने की सही विधि
पैमाना (मापक छड़/फिता) सही से रखना: पैमाने को वस्तु के ठीक साथ-साथ (संपर्क में) रखें, न कि टेढ़ा-मेढ़ा।
आँख की सही स्थिति: माप लेते समय आँख, वस्तु के सिरे के ठीक ऊपर होनी चाहिए, ताकि सही पाठ्यांक (रीडिंग) मिले।
टूटे पैमाने का उपयोग: अगर पैमाने का सिरा टूटा है या शून्य (0) का निशान स्पष्ट नहीं है, तो आप 1 cm या किसी और पूरे अंक से मापना शुरू कर सकते हैं। फिर दूसरे सिरे के पाठ्यांक से पहले वाले पाठ्यांक को घटा दें।
उदाहरण: अगर एक सिरा 1.0 cm पर है और दूसरा 10.4 cm पर, तो लंबाई = 10.4 cm – 1.0 cm = 9.4 cm होगी।
वक्र रेखा (मुड़ी हुई रेखा) की लंबाई मापना: इसके लिए लचीले मापन फीते या धागे का उपयोग कर सकते हैं। धागे को वक्र रेखा के साथ-साथ रखकर फिर सीधा करके पैमाने से माप लेते हैं।
5. संदर्भ बिंदु (Reference Point)
किसी वस्तु की स्थिति या दूरी बताने के लिए हमें एक निश्चित बिंदु या वस्तु की ज़रूरत होती है, जिसे संदर्भ बिंदु कहते हैं।
उदाहरण: “दिल्ली 70 km दूर है” में दिल्ली संदर्भ बिंदु है।
6. गति और विराम (Motion and Rest)
विराम (Rest): जब कोई वस्तु अपने संदर्भ बिंदु के हिसाब से समय के साथ अपनी जगह नहीं बदलती, तो उसे विराम अवस्था में कहते हैं।
गति (Motion): जब कोई वस्तु अपने संदर्भ बिंदु के हिसाब से समय के साथ अपनी जगह बदलती है, तो उसे गतिशील कहते हैं।
7. गति के प्रकार
सरल रेखीय गति (Rectilinear Motion): जब कोई वस्तु सीधी रेखा में चलती है।
उदाहरण: सीधी सड़क पर चलती कार, पेड़ से गिरता संतरा, मार्च पास्ट करते सैनिक।
वृत्तीय गति (Circular Motion): जब कोई वस्तु गोल रास्ते (वृत्तीय पथ) पर चलती है।
उदाहरण: झूला (मेरी-गो-राउंड) झूलते बच्चे, पत्थर को धागे से बाँधकर घुमाना।
दोलन गति (Oscillatory Motion): जब कोई वस्तु किसी निश्चित जगह के इधर-उधर (आगे-पीछे) गति करती है।
उदाहरण: झूले की गति, दीवार घड़ी का पेंडुलम, सिलाई मशीन की सुई की गति।
आवर्ती गति (Periodic Motion): यदि कोई वस्तु एक निश्चित समय के बाद अपनी गति को दोहराती है, तो उसकी गति आवर्ती गति कहलाती है। वृत्तीय गति और दोलन गति अक्सर आवर्ती प्रकृति की होती हैं।
उदाहरण: झूले की गति, घड़ी की सुइयों की गति।
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (Important Questions and Answers)
प्रश्न 1: मापन क्या है? इसके दो प्रमुख भाग क्या हैं?
उत्तर: मापन किसी अज्ञात राशि की तुलना किसी निश्चित मानक राशि से करना है। मापन के दो भाग होते हैं: एक संख्या (जो बताती है कि मानक राशि कितनी बार शामिल है) और एक मात्रक (जो मानक राशि का नाम बताता है)।
उदाहरण: अगर हम कहते हैं कि मेज की लंबाई 5 मीटर है, तो ‘5’ संख्या है और ‘मीटर’ मात्रक है।
प्रश्न 2: पुराने समय में मापन के लिए उपयोग की जाने वाली विधियाँ विश्वसनीय क्यों नहीं थीं?
उत्तर: पुराने समय में लोग लंबाई मापने के लिए शरीर के अंगों, जैसे बालिश्त, कदम या अँगुल का उपयोग करते थे। ये विधियाँ विश्वसनीय नहीं थीं क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर के अंगों की माप अलग-अलग होती है। इसलिए, एक ही वस्तु की माप अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा लेने पर अलग-अलग आती थी।
प्रश्न 3: लंबाई के SI मात्रक का नाम बताइए और इसके विभिन्न छोटे व बड़े मात्रक लिखिए।
उत्तर: लंबाई का SI मात्रक मीटर (m) है।
छोटे मात्रक:
1 मीटर (m) = 100 सेंटीमीटर (cm)
1 सेंटीमीटर (cm) = 10 मिलीमीटर (mm)
बड़े मात्रक:
1 किलोमीटर (km) = 1000 मीटर (m)
प्रश्न 4: पैमाने से लंबाई मापते समय किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: पैमाने से लंबाई मापते समय निम्नलिखित सावधानियाँ रखनी चाहिए:
पैमाने की सही स्थिति: पैमाने को वस्तु के साथ-साथ, बिल्कुल सीधा और सटाकर रखना चाहिए।
आँख की सही स्थिति: माप लेते समय आँख वस्तु के सिरे के ठीक ऊपर होनी चाहिए, ताकि सीधी रेखा में पाठ्यांक देखा जा सके (लंबवत स्थिति)।
शून्य से शुरू करना: माप हमेशा पैमाने के शून्य (0) निशान से शुरू करनी चाहिए। यदि सिरा टूटा है, तो किसी और पूरे अंक से शुरू करके अंतिम पाठ्यांक से प्रारंभिक पाठ्यांक को घटाना चाहिए।
प्रश्न 5: संदर्भ बिंदु क्या होता है? इसका क्या महत्व है?
उत्तर: किसी वस्तु की स्थिति या दूरी बताने के लिए जिस निश्चित बिंदु या वस्तु का उपयोग किया जाता है, उसे संदर्भ बिंदु कहते हैं। इसका महत्व यह है कि यह हमें किसी वस्तु की स्थिति या गति को सही ढंग से समझने और बताने में मदद करता है। किसी वस्तु की गति या विराम संदर्भ बिंदु के सापेक्ष ही निर्धारित होता है।
प्रश्न 6: गति और विराम में क्या अंतर है?
उत्तर:
गति (Motion): जब कोई वस्तु अपने संदर्भ बिंदु के सापेक्ष समय के साथ अपनी स्थिति बदलती है, तो उसे गति में कहा जाता है।
विराम (Rest): जब कोई वस्तु अपने संदर्भ बिंदु के सापेक्ष समय के साथ अपनी स्थिति नहीं बदलती, तो उसे विराम अवस्था में कहा जाता है।
प्रश्न 7: गति के विभिन्न प्रकारों का वर्णन उदाहरण सहित कीजिए।
उत्तर: गति के मुख्य तीन प्रकार हैं:
सरल रेखीय गति (Rectilinear Motion): जब कोई वस्तु सीधी रेखा में चलती है।
उदाहरण: एक सीधी सड़क पर चलती कार, पेड़ से नीचे गिरता फल, मार्च पास्ट करते हुए सैनिक।
वृत्तीय गति (Circular Motion): जब कोई वस्तु एक गोलाकार या वृत्ताकार पथ पर चलती है।
उदाहरण: झूले (मेरी-गो-राउंड) पर बच्चों की गति, धागे से बंधे पत्थर को घुमाने पर उसकी गति, बिजली के पंखे के ब्लेड की गति।
दोलन गति (Oscillatory Motion): जब कोई वस्तु किसी निश्चित बिंदु या स्थिति के इधर-उधर (आगे-पीछे या ऊपर-नीचे) गति करती है।
उदाहरण: झूले की गति, दीवार घड़ी के पेंडुलम की गति, सिलाई मशीन की सुई की गति।
प्रश्न 8: वक्र रेखा की लंबाई कैसे मापी जाती है?
उत्तर: वक्र रेखा की लंबाई मापने के लिए एक लचीले मापन फीते या एक धागे का उपयोग किया जाता है। धागे को वक्र रेखा के ऊपर ठीक से रखा जाता है, ताकि वह उसके आकार का अनुसरण करे। फिर धागे को सीधा करके मीटर पैमाने से उसकी लंबाई माप ली जाती है।