✨ योजक की परिभाषा
जो शब्द दो शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को जोड़ने का काम करते हैं, उन्हें योजक कहते हैं।
👉 इन्हें संयोजक अव्यय भी कहा जाता है।
👉 अंग्रेज़ी में इन्हें Conjunction कहते हैं।
✨ योजक के भेद एवं उदाहरण
- समुच्चयबोधक योजक –
दो या दो से अधिक शब्दों/वाक्यों को समान रूप से जोड़ते हैं।- जैसे: और, तथा, या, अथवा, किंतु, परंतु, मगर, लेकिन
- उदाहरण: राम और श्याम खेल रहे हैं।
- विकल्पबोधक योजक –
विकल्प (चुनाव) बताने के लिए।- जैसे: या, अथवा
- उदाहरण: तुम पढ़ोगे या खेलोगे?
- विरोधबोधक योजक –
विरोध या विपरीत अर्थ बताने के लिए।- जैसे: परंतु, मगर, किंतु, लेकिन
- उदाहरण: वह अमीर है, लेकिन कंजूस है।
- कारणबोधक योजक –
कारण बताने के लिए।- जैसे: क्योंकि, इसलिए, इस कारण, अतः
- उदाहरण: वह बीमार है इसलिए स्कूल नहीं गया।
- सम्बन्धबोधक योजक –
सम्बन्ध या आश्रय बताने के लिए।- जैसे: जो–सो, यदि–तो, जब–तब
- उदाहरण: जो मेहनत करेगा, सो सफलता पाएगा।
योजक का प्रकार | योजक शब्द | उदाहरण वाक्य |
---|---|---|
समुच्चयबोधक (समानार्थक जोड़ने वाले) | और, तथा | राम और श्याम खेल रहे हैं। |
विकल्पबोधक (चुनाव/विकल्प दिखाने वाले) | या, अथवा | तुम पढ़ोगे या खेलोगे? |
विरोधबोधक (विपरीत अर्थ दिखाने वाले) | लेकिन, परंतु, मगर, किंतु | वह अमीर है, लेकिन कंजूस है। |
कारणबोधक (कारण बताने वाले) | क्योंकि, इसलिए, अतः | वह बीमार है, इसलिए स्कूल नहीं गया। |
सम्बन्धबोधक (शर्त या सम्बन्ध दिखाने वाले) | जो–सो, यदि–तो, जब–तब, ताकि | जो मेहनत करेगा, सो सफलता पाएगा। |