फसल उत्पादन एवं प्रबंधन

🌾 फसल उत्पादन एवं प्रबंधन 

 


1. फसल (Crop) क्या है?

  • जब एक ही प्रकार के पौधों को बड़े पैमाने पर उगाया जाता है तो उसे फसल कहते हैं।
  • भारत में मुख्यत: दो प्रकार की फसलें होती हैं:
    • खरीफ फसलें (जैसे – धान, मक्का): वर्षा ऋतु (जुलाई–अक्टूबर) में बोई जाती हैं।
    • रबी फसलें (जैसे – गेहूं, सरसों): सर्दियों (नवंबर–अप्रैल) में बोई जाती हैं।

2. फसल उत्पादन के प्रमुख चरण

  1. भूमि की जुताई – मिट्टी को खोदना और मुलायम बनाना।
  2. बीज का चयन – अच्छे, स्वस्थ और उच्च उत्पादन देने वाले बीजों का प्रयोग।
  3. बीज बोना – सीधा या मशीन से बोया जाता है।
  4. सिंचाई – जल की आपूर्ति (फव्वारा प्रणाली, ड्रिप प्रणाली आदि)।
  5. निराई-गुड़ाई – खरपतवारों (अनचाही घास) को हटाना।
  6. खाद और उर्वरक डालना – पौधों को पोषण देने के लिए।
  7. फसल की सुरक्षा – कीट और रोगों से फसल की रक्षा।
  8. कटाई (Harvesting) – पकने के बाद फसल को काटना।
  9. भंडारण (Storage) – अनाज को सूखा कर सुरक्षित स्थान पर रखना।

3. सिंचाई की आधुनिक विधियाँ

  • स्प्रिंकलर प्रणाली – सूखे क्षेत्रों में उपयोगी, फव्वारे की तरह पानी छिड़कता है।
  • ड्रिप प्रणाली – पौधे की जड़ों तक धीरे-धीरे पानी पहुँचाता है, जल की बचत होती है।

4. खाद और उर्वरक

  • खाद (Manure) – जैविक, प्राकृतिक तरीकों से बनती है।
  • उर्वरक (Fertilizer) – रासायनिक तत्वों से तैयार, तीव्र प्रभावी।

5. भंडारण की विधियाँ

  • अनाज को धूप में सुखा कर, बोरियों में या साइलो (गोदामों) में रखा जाता है।
  • नमी और कीटों से सुरक्षा के उपाय अपनाए जाते हैं।

 

पाठ के सभी प्रश्नों के उत्तर हिंदी में:

पृष्ठ 13-14 के प्रश्न:

  1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
    (क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़े पैमाने पर उगाए गए पौधों को फसल कहते हैं।
    (ख) फसल उगाने से पहले पहला चरण मिट्टी की तैयारी होती है।
    (ग) खराब बीज पानी की सतह पर तैरने लगेंगे।
    (घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश और मिट्टी से पोषक तत्व तथा पानी आवश्यक हैं।
  2. स्तंभ A का स्तंभ B से मिलान करें:
    (i) खरीफ फसल → (e) धान और मक्का
    (ii) रबी फसल → (d) गेहूँ, चना, सरसों
    (iii) रासायनिक उर्वरक → (b) यूरिया और सुपर फॉस्फेट
    (iv) कार्बनिक खाद → (c) पशु अपशिष्ट, गोबर, मूत्र और पौधे के अवशेष
  3. निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण दें:
    (क) खरीफ फसल: धान, मक्का
    (ख) रबी फसल: गेहूँ, चना
  4. संक्षिप्त वर्णन करें:
    (क) मिट्टी की तैयारी: मिट्टी को जोतकर, पलटकर और भुरभुरा बनाया जाता है ताकि पौधों की जड़ों को हवा और पानी मिल सके।
    (ख) बुआई: अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों को उचित गहराई और दूरी पर बोया जाता है।
    (ग) निराई: खरपतवार को हटाने की प्रक्रिया जिससे फसल को पर्याप्त पोषक तत्व मिल सकें।
    (घ) थ्रेशिंग: फसल काटने के बाद अनाज को भूसे से अलग किया जाता है।
  5. उर्वरक और खाद में अंतर:
    • उर्वरक: रासायनिक पदार्थ होते हैं जो पौधों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस आदि प्रदान करते हैं।
    • खाद: जैविक पदार्थ होते हैं जो पौधों और जानवरों के अवशेषों से बनते हैं और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।
  6. सिंचाई क्या है? जल संरक्षण की दो विधियाँ:
    • सिंचाई: फसलों को नियमित अंतराल पर पानी देना।
    • जल संरक्षण विधियाँ:
      1. स्प्रिंकलर प्रणाली: पानी का छिड़काव करके सिंचाई।
      2. ड्रिप प्रणाली: पानी को बूंद-बूंद करके पौधों की जड़ों तक पहुँचाना।
  7. यदि गेहूँ को खरीफ ऋतु में उगाया जाए तो क्या होगा?
    • गेहूँ को अधिक पानी की आवश्यकता होती है, जो खरीफ ऋतु में उपलब्ध नहीं होगा। इससे फसल खराब हो सकती है।
  8. लगातार फसल उगाने से मिट्टी पर प्रभाव:
    • मिट्टी से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे उर्वरता घटती है।
  9. खरपतवार क्या हैं? इन्हें कैसे नियंत्रित करें?
    • खरपतवार: अनचाहे पौधे जो फसल के साथ उग आते हैं।
    • नियंत्रण: निराई करके या खरपतवारनाशी रसायनों का उपयोग करके।
  10. फसल उगाने के चरणों को सही क्रम में लगाएँ:
    (1) मिट्टी की तैयारी
    (2) खेत की जुताई
    (3) खाद देना
    (4) बुआई
    (5) सिंचाई
    (6) निराई
    (7) कटाई

पृष्ठ 15 के प्रश्न:

  1. पहेली को पूरा करें:
  • ऊपर से नीचे:
    1. सिंचाई का एक पारंपरिक तरीका → कुआँ
    2. बड़े पैमाने पर पालतू जानवरों की देखभाल → पशुपालन
    3. वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली फसल → खरीफ
    4. फसल पकने के बाद काटना → कटाई
  • बाएँ से दाएँ:
    1. शीत ऋतु में उगाई जाने वाली फसलें → रबी
    2. एक ही प्रकार के पौधे जो बड़े पैमाने पर उगाए जाते हैं → फसल
    3. रासायनिक पदार्थ जो पौधों को पोषक तत्व देते हैं → उर्वरक
    4. खरपतवार हटाने की प्रक्रिया → निराई

विस्तृत गतिविधियाँ:

  1. मिट्टी में बीज बोकर ड्रिप सिंचाई का प्रयोग करें और प्रतिदिन अवलोकन नोट करें।
    • इस विधि से पानी की बचत होती है क्योंकि पानी सीधे जड़ों तक पहुँचता है।
    • बीजों के अंकुरण और विकास में सुधार देखा जा सकता है।
  2. विभिन्न प्रकार के बीज एकत्र करके उन्हें छोटे थैलियों में रखें और नाम लिखें।
    • उदाहरण: गेहूँ, धान, मक्का, चना।
  3. कृषि में उपयोग होने वाली मशीनों के चित्र एकत्र करें और उनके नाम व उपयोग लिखें।
    • हल: मिट्टी की जुताई के लिए।
    • कम्बाइन हार्वेस्टर: फसल काटने और थ्रेशिंग के लिए।
  4. किसी फार्म या नर्सरी का भ्रमण करें और निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करें:
    • बीज चयन का महत्व: अच्छी गुणवत्ता वाले बीज से उत्पादन बढ़ता है।
    • सिंचाई की विधियाँ: ड्रिप, स्प्रिंकलर, या पारंपरिक तरीके।

पृष्ठ संख्या 13–14 से लिए गए सभी प्रश्न और उनके सरल उत्तर:


प्रश्न 1: उचित शब्द छाँट कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –

(शब्द: तैयारी, जल, फसल, पोषक, तेजी)

उत्तर:
(क) एक स्थान पर एक ही प्रकार के बड़ी मात्रा में उगाए गए पौधों को फसल कहते हैं।
(ख) फसल उगाने से पहले प्रथम चरण मिट्टी की तैयारी होती है।
(ग) क्षरणित बीज जल की सतह पर तेजी से तैरते हैं।
(घ) फसल उगाने के लिए पर्याप्त सूर्य का प्रकाश एवं मिट्टी से पोषक तत्व आवश्यक हैं।


प्रश्न 2: कॉलम A और कॉलम B का मिलान कीजिए –

कॉलम Aकॉलम B
(i) खरीफ फसल(e) धान एवं मक्का
(ii) रबी फसल(d) गेहूं, चना, मटर
(iii) रासायनिक उर्वरक(b) यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट
(iv) कार्बनिक खाद(c) गोबर, मूत्र, पत्तियाँ आदि

प्रश्न 3: निम्न के दो-दो उदाहरण दीजिए –

उत्तर:
(क) खरीफ फसल – धान, मक्का
(ख) रबी फसल – गेहूं, चना


प्रश्न 4: निम्न पर एक-एक पैराग्राफ लिखिए –

(क) मिट्टी तैयार करना: खेत की मिट्टी को पलटने, ढीला करने और हवा व जल के प्रवेश योग्य बनाने की प्रक्रिया को मिट्टी की तैयारी कहते हैं। यह फसल के लिए पहला चरण होता है।
(ख) बुआई: अच्छे गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करके समय पर खेत में उन्हें बोना बुआई कहलाती है।
(ग) सिंचाई: फसल की आवश्यकता के अनुसार पानी देना सिंचाई कहलाता है।
(घ) फसल कटाई: जब फसल पक जाती है, तब उसे काटने की प्रक्रिया को फसल कटाई या कटाई कहते हैं।


प्रश्न 5: उर्वरक और खाद में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • खाद प्राकृतिक रूप से बनती है और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है।
  • उर्वरक रासायनिक होते हैं और सीधे पौधों को पोषण देते हैं।

प्रश्न 6: सिंचाई क्या है? दो विधियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
सिंचाई का अर्थ है फसलों को जल देना।
दो विधियाँ:

  1. फव्वारा प्रणाली (Sprinkler) – पानी हवा में छिड़क कर खेत में गिरता है।
  2. टपक प्रणाली (Drip) – पानी पौधों की जड़ों पर बूँद-बूँद टपकाया जाता है।

प्रश्न 7: यदि धान को खरीफ ऋतु के अतिरिक्त बोया जाए तो क्या होगा?

उत्तर: धान को विशेष तापमान और नमी की आवश्यकता होती है। अगर इसे गलत मौसम में बोया जाए, तो वह ठीक से नहीं उगेगा और उत्पादन घट जाएगा।


प्रश्न 8: लगातार फसलें उगाने से मिट्टी पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: इससे मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे फसल की गुणवत्ता व उत्पादकता घटती है।


प्रश्न 9: खरपतवार क्या हैं? नियंत्रण कैसे किया जा सकता है?

उत्तर: फसल के साथ उगने वाले अनचाहे पौधे खरपतवार कहलाते हैं।
नियंत्रण:

  • हाथ से उखाड़ना
  • खरपतवारनाशी रसायनों का प्रयोग

प्रश्न 10: चित्र बॉक्स को सही क्रम में लगाकर गन्ने की फसल का वैज्ञानिक तरीका दिखाइए।

उत्तर:

  1. मिट्टी तैयार करना
  2. बुआई करना
  3. सिंचाई देना
  4. कटाई
    (चित्र क्रम पुस्तक में अनुसार लगाने हैं)

 


📘 महत्वपूर्ण परीक्षा प्रश्न

  1. फसल उत्पादन के प्रमुख चरणों को क्रम में लिखिए।
  2. खाद और उर्वरक में क्या अंतर है?
  3. स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई प्रणाली की विशेषताएँ बताइए।
  4. खरीफ और रबी फसलों में अंतर दीजिए।
  5. अच्छे बीजों का चयन क्यों जरूरी है?

 

 


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