📘 अध्याय 12 : खाद्य संसाधनों में सुधार (Improvements in Food Resources)
🍲 भोजन की आवश्यकता
भोजन से हमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज लवण प्राप्त होते हैं।
जनसंख्या वृद्धि = भोजन की मांग में वृद्धि।
खेती के लिए भूमि सीमित है → उपज बढ़ाने के वैज्ञानिक उपाय आवश्यक।
🌾 फसल उत्पादन में सुधार के तरीके
1. फसल किस्म सुधार (Crop Variety Improvement)
वांछित गुणों का चयन:
उच्च उपज (High Yield)
रोग व कीट प्रतिरोधक क्षमता
प्रतिकूल परिस्थितियों (सूखा, बाढ़, लवणीयता) को सहने की क्षमता
जल्दी पकना और बेहतर गुणवत्ता
संकरण (Hybridisation):
अंतःप्रजातीय (Interspecific)
अंतःप्रजातीय (Intraspecific)
अंतःजननिक (Intergeneric)
📌 नोट: हरित क्रांति (Green Revolution) → गेहूँ व चावल में HYV बीजों से उत्पादन कई गुना बढ़ा।
2. फसल उत्पादन प्रबंधन (Crop Production Management)
(i) पोषक प्रबंधन (Nutrient Management)
प्रमुख पोषक तत्व (Macronutrients): N, P, K, Ca, Mg, S
सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients): Fe, Mn, Zn, B, Mo, Cu आदि
खाद (Manure):
गोबर, कम्पोस्ट, हरी खाद से बनी।
मिट्टी की संरचना सुधारती है, जीवांश बढ़ाती है।
उर्वरक (Fertilizer):
रासायनिक (NPK, यूरिया, DAP)।
तुरंत पोषण देते हैं।
अधिक प्रयोग → मिट्टी कठोर, जल प्रदूषण।
(ii) सिंचाई (Irrigation)
स्रोत: कुएँ, नहरें, नदी लिफ्ट, टैंक, तालाब।
आधुनिक तकनीक: ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर।
वर्षा जल संचयन, वाटरशेड प्रबंधन।
📌 नोट: जल प्रबंधन से कम पानी में अधिक उत्पादन संभव।
(iii) फसल पैटर्न (Cropping Patterns)
मिश्रित खेती: (जैसे गेहूँ + चना) → जोखिम कम।
अंतरफसली खेती: (सोयाबीन + मक्का) → पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग।
फसल चक्र: (चावल → गेहूँ → दलहन) → मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
3. फसल संरक्षण प्रबंधन (Crop Protection Management)
फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले कारक:
✅ खरपतवार (Weeds)
✅ कीट (Pests)
✅ रोग (Diseases)उपाय:
यांत्रिक विधि (खरपतवार निकालना)
रसायन (हर्बिसाइड, कीटनाशक, फफूंदनाशक)
जैविक नियंत्रण (परजीवी/शिकारी जीव)
IPM (Integrated Pest Management)
4. भंडारण (Storage)
अनाज को सुरक्षित रखने के उपाय:
✅ सुखाना (Drying)
✅ सफाई (Cleaning)
✅ कीटनाशक और फ्यूमिगेशन (Fumigation)
📌 नोट: भंडारण की कमी = कीट, कवक, नमी और चूहों से हानि।
🐄 पशुपालन (Animal Husbandry)
1. डेयरी फार्मिंग (Cattle Farming)
दूध + खेती के काम के लिए।
उन्नत नस्लों (देशी + विदेशी) का संकरण।
संतुलित आहार, साफ-सफाई, टीकाकरण अनिवार्य।
2. पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming)
अंडे व मांस उत्पादन।
उन्नत नस्लें → अधिक अंडे व रोग प्रतिरोध।
सही तापमान और साफ आवास आवश्यक।
3. मत्स्य पालन (Fish Production)
समुद्री मत्स्य पालन: (हिल्सा, मैकेरल, टूना)
अंतर्देशीय मत्स्य पालन: तालाब, नदी, झील।
संयुक्त मत्स्य पालन: अलग-अलग प्रजातियों का साथ में पालन।
📌 नोट: नीली क्रांति (Blue Revolution) → मछली उत्पादन बढ़ाने की योजना।
4. मधुमक्खी पालन (Apiculture)
शहद व मोम उत्पादन।
प्रमुख किस्में: Apis dorsata, Apis indica, Apis mellifera (इटालियन मधुमक्खी)।
शहद की गुणवत्ता = फूलों (Pasturage) पर निर्भर।
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न (Exam Focus)
फसल उत्पादन बढ़ाने के तीन मुख्य तरीके बताइए।
→ फसल किस्म सुधार, उत्पादन प्रबंधन, संरक्षण प्रबंधन।खाद और उर्वरक में अंतर।
→ खाद: जैविक, लंबे समय तक उपजाऊ।
→ उर्वरक: रासायनिक, तुरंत असर लेकिन हानिकारक।IPM क्या है?
→ Integrated Pest Management = रासायनिक + जैविक + यांत्रिक नियंत्रण का मिश्रण।मधुमक्खी पालन के लाभ।
→ शहद, मोम, परागण में मदद।नीली क्रांति व श्वेत क्रांति किससे जुड़ी हैं?
→ नीली क्रांति = मत्स्य पालन, श्वेत क्रांति = दूध उत्पादन।
✅ निष्कर्ष
टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture) → जैविक खाद, उचित सिंचाई, फसल चक्र अपनाना।
पशुपालन व मत्स्य पालन = अतिरिक्त आय और पोषण।
आधुनिक तकनीक + पारंपरिक ज्ञान मिलाकर ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
📝 अतिरिक्त परीक्षा टिप्स (मेरे नोट्स)
Green Revolution → HYV बीज, Fertilizers, Irrigation।
White Revolution → दूध उत्पादन (ऑपरेशन फ्लड)।
Blue Revolution → मत्स्य पालन।
Yellow Revolution → तेलहन उत्पादन।
Hybridisation के प्रकार: अंतःप्रजातीय, अंतःप्रजातीय, अंतःजननिक।
IPM = Integrated Pest Management (Eco-friendly तरीका)।
🍲 भोजन की आवश्यकता
सभी जीवों को विकास, वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए भोजन आवश्यक है।
भारत की तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या के कारण खाद्य उत्पादन बढ़ाना ज़रूरी है।
🌾 फसल उत्पादन में सुधार के तरीके
1. फसल किस्म सुधार (Crop Variety Improvement)
संकरण (Hybridisation) द्वारा नई किस्में विकसित की जाती हैं।
चयनित गुण:
✅ उच्च उपज
✅ रोग प्रतिरोधक क्षमता
✅ बेहतर गुणवत्ता
✅ कम परिपक्वता अवधि
📌 नोट: हरित क्रांति (Green Revolution) का मुख्य आधार उच्च उपज देने वाली किस्में (HYV seeds) थीं।
2. फसल उत्पादन प्रबंधन (Crop Production Management)
(i) पोषक प्रबंधन (Nutrient Management)
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स: N, P, K, Ca, Mg, S
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स: Fe, Mn, Zn, Cu, B, Mo आदि
खाद (Manure):
जैविक पदार्थों से बनी।
मिट्टी की संरचना सुधारती है।
लंबे समय तक उपजाऊ बनाए रखती है।
उर्वरक (Fertilizer):
रासायनिक।
पौधों को तुरंत पोषण देते हैं।
अधिक प्रयोग से मिट्टी और जल प्रदूषित हो सकते हैं।
📌 नोट:
खाद = Slow but Sustainable
उर्वरक = Fast but Harmful (अगर ज्यादा प्रयोग हो)।
(ii) सिंचाई (Irrigation)
स्रोत: कुएँ, नहरें, नदी-लिफ्ट सिस्टम, टैंक।
तकनीक: वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting), वाटरशेड प्रबंधन।
📌 नोट: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई → पानी की बचत।
(iii) फसल पैटर्न (Cropping Patterns)
मिश्रित खेती (Mixed Cropping): एक खेत में कई फसलें → जोखिम कम।
अंतरफसली खेती (Intercropping): निश्चित पैटर्न में अलग-अलग फसलें।
फसल चक्र (Crop Rotation): अलग-अलग मौसम में अलग फसलें → मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
3. फसल संरक्षण प्रबंधन (Crop Protection Management)
खतरे: खरपतवार, कीट और रोग।
उपाय:
✅ यांत्रिक नियंत्रण (खरपतवार हटाना)
✅ रसायन (हर्बिसाइड, कीटनाशक, फफूंदनाशक)
✅ स्वच्छ बीज, समय पर बुवाई, फसल चक्र
📌 नोट: IPM (Integrated Pest Management) → रसायन + जैविक नियंत्रण दोनों का प्रयोग।
4. भंडारण (Storage)
अनाज सुरक्षित रखने के लिए:
✅ सुखाना
✅ सफाई
✅ कीटनाशकों का उपयोग
📌 नोट: FCI (Food Corporation of India) के गोदाम → भंडारण और वितरण।
🐄 पशुपालन (Animal Husbandry)
1. डेयरी फार्मिंग (Cattle Farming)
दूध और खेती में काम आने वाले पशु।
नस्ल सुधार: विदेशी + देशी संकरण।
आवश्यक: संतुलित आहार, साफ-सफाई, टीकाकरण।
2. पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming)
अंडे और मांस के लिए मुर्गियाँ।
संकरण से बेहतर नस्लें।
आहार, आवास, रोग नियंत्रण जरूरी।
3. मत्स्य पालन (Fish Production)
समुद्री मत्स्य पालन (Marine Fisheries): समुद्र में मछली पकड़ना।
अंतर्देशीय मत्स्य पालन (Inland Fisheries): तालाब, नदी, झील।
संयुक्त मत्स्य पालन (Composite Fish Culture): अलग-अलग प्रजातियाँ साथ में।
📌 नोट: भारत में मत्स्य पालन को “ब्लू रेवोल्यूशन” से जोड़ा जाता है।
4. मधुमक्खी पालन (Bee-Keeping)
शहद और मोम उत्पादन।
प्रमुख प्रजाति: इटालियन मधुमक्खी (A. mellifera) → अधिक शहद, कम डंक।
शहद की गुणवत्ता फूलों की किस्म (Pasturage) पर निर्भर।
📌 नोट: मधुमक्खी पालन को एपिकल्चर (Apiculture) भी कहते हैं।
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न (Exam Focus)
उच्च उपज के लिए कौन-सी विधियाँ अपनाई जाती हैं?
→ अंतरफसली खेती, फसल चक्र, बेहतर किस्में, संतुलित उर्वरक।खाद और उर्वरक में अंतर?
→ खाद जैविक, धीरे-धीरे असर; उर्वरक रासायनिक, तुरंत असर।अनाज के भंडारण में नुकसान के कारण?
→ कीट, कवक, नमी, चूहे, तापमान।पशुपालन के फायदे?
→ दूध, मांस, अंडे, खेती में मदद, अतिरिक्त आय।मधुमक्खी पालन के लिए अच्छी किस्में?
→ इटालियन मधुमक्खी (A. mellifera)।
✅ निष्कर्ष
टिकाऊ कृषि पद्धतियाँ, जैविक खेती और वैज्ञानिक तकनीकें अपनाकर ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
फसल + पशुपालन दोनों का सुधार ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा।
📝 एग्जाम के लिए अतिरिक्त टिप्स
हरित क्रांति → गेहूँ और चावल में HYV बीजों का उपयोग।
श्वेत क्रांति → दूध उत्पादन बढ़ाने की योजना।
नीली क्रांति → मछली उत्पादन।
संकरण (Hybridisation) तीन प्रकार:
अंत:प्रजातीय (Interspecific)
अंत:प्रजातीय (Intraspecific)
अंत:जननिक (Intergeneric)
अध्याय 12: खाद्य संसाधनों में सुधार – प्रश्नोत्तरी (हिंदी में)
पाठ्यपुस्तक से प्रश्न एवं उत्तर
1. प्रश्न (पृष्ठ 141):
हमें अनाज, दालें, फल और सब्जियों से क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
अनाज (गेहूँ, चावल, मक्का) → कार्बोहाइड्रेट (ऊर्जा)
दालें (चना, मटर, उड़द) → प्रोटीन (शरीर की मरम्मत और वृद्धि)
फल और सब्जियाँ → विटामिन, खनिज, थोड़ी मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा
2. प्रश्न (पृष्ठ 143):
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स क्या हैं और उन्हें मैक्रोन्यूट्रिएंट्स क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
मैक्रोन्यूट्रिएंट्स वे पोषक तत्व हैं जिनकी पौधों को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है।
उदाहरण: नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटैशियम (K), कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), सल्फर (S)
इन्हें “मैक्रो” कहा जाता है क्योंकि पौधे इन्हें बड़ी मात्रा में उपयोग करते हैं।
3. प्रश्न (पृष्ठ 143):
पौधों को पोषक तत्व कैसे प्राप्त होते हैं?
उत्तर:
वायु → कार्बन और ऑक्सीजन
पानी → हाइड्रोजन और ऑक्सीजन
मिट्टी → 13 पोषक तत्व (मैक्रो और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स)
4. प्रश्न (पृष्ठ 145):
फसलों की सुरक्षा के लिए निवारक उपाय और जैविक नियंत्रण विधियों को प्राथमिकता क्यों देनी चाहिए?
उत्तर:
रासायनिक कीटनाशक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और मिट्टी की उर्वरता को नुकसान पहुँचाते हैं।
निवारक उपाय (जैसे फसल चक्र, स्वच्छ बीज) और जैविक नियंत्रण (जैविक कीटनाशक) टिकाऊ और सुरक्षित हैं।
5. प्रश्न (पृष्ठ 145):
अनाज के भंडारण के दौरान होने वाली हानियों के क्या कारण हैं?
उत्तर:
जैविक कारक: कीट, कवक, जीवाणु, घुन, चूहे
अजैविक कारक: अनुचित नमी, तापमान, भंडारण स्थितियाँ
6. प्रश्न (पृष्ठ 147):
पशु प्रजनन में सामान्यतः कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों?
उत्तर:
संकरण (Cross-breeding) विधि का उपयोग किया जाता है।
कारण: स्थानीय नस्लों की रोग प्रतिरोधक क्षमता और विदेशी नस्लों की अधिक दूध उत्पादन क्षमता को संयोजित करना।
7. प्रश्न (पृष्ठ 148):
डेयरी और पोल्ट्री फार्मिंग में कौन-से समान प्रबंधन अभ्यास हैं?
उत्तर:
संतुलित आहार देना
साफ-सफाई और स्वच्छ आवास
नियमित टीकाकरण और रोग नियंत्रण
उचित देखभाल और प्रजनन प्रबंधन
8. प्रश्न (पृष्ठ 148):
ब्रोयलर और लेयर (अंडे देने वाली मुर्गियाँ) में क्या अंतर हैं?
ब्रोयलर | लेयर |
---|---|
मांस के लिए पाली जाती हैं | अंडे के लिए पाली जाती हैं |
प्रोटीन युक्त आहार दिया जाता है | कैल्शियम युक्त आहार दिया जाता है |
तेजी से वृद्धि की आवश्यकता | लंबे समय तक अंडा उत्पादन |
9. प्रश्न (पृष्ठ 149):
मछलियाँ कैसे प्राप्त की जाती हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक स्रोत (Capture Fishing): समुद्र, नदी, झील से मछली पकड़ना
कृत्रिम पालन (Culture Fishing): तालाबों में मछली पालन (जैसे संयुक्त मत्स्य पालन)
10. प्रश्न (पृष्ठ 149):
संयुक्त मत्स्य पालन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
तालाब के सभी स्तरों (सतह, मध्य, तल) का भोजन उपयोग होता है
विभिन्न प्रजातियाँ एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा नहीं करतीं
उपज अधिक होती है
11. प्रश्न (पृष्ठ 150):
शहद उत्पादन के लिए उपयुक्त मधुमक्खी की किस्मों के क्या वांछनीय लक्षण हैं?
उत्तर:
अधिक शहद एकत्र करने की क्षमता
कम डंक मारना
एक ही छत्ते में लंबे समय तक रहना
अच्छी प्रजनन क्षमता
12. प्रश्न (पृष्ठ 150):
पास्चुरेज (चारागाह) क्या है और यह शहद उत्पादन से कैसे संबंधित है?
उत्तर:
पास्चुरेज वह स्थान है जहाँ मधुमक्खियाँ पराग और मकरंद एकत्र करती हैं
शहद की गुणवत्ता और स्वाद फूलों के प्रकार पर निर्भर करता है
पर्याप्त पास्चुरेज = अधिक और बेहतर शहद उत्पादन
अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ 151):
फसल उत्पादन की कोई एक विधि बताइए जो उच्च उपज सुनिश्चित करती है।
→ उत्तर: अंतरफसली खेती – इसमें दो या अधिक फसलें एक साथ उगाई जाती हैं, जिससे पोषक तत्वों का अधिकतम उपयोग होता है और कीटों का प्रकोप कम होता है।खाद और उर्वरक खेतों में क्यों डाले जाते हैं?
→ उत्तर: मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए।अंतरफसली खेती और फसल चक्र के क्या लाभ हैं?
→ उत्तर:अंतरफसली खेती: मिट्टी के पोषक तत्वों का बेहतर उपयोग, कीट नियंत्रण
फसल चक्र: मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, रोगों का खतरा कम होता है
आनुवंशिक हेरफेर क्या है? यह कृषि पद्धतियों में कैसे उपयोगी है?
→ उत्तर: आनुवंशिक हेरफेर द्वारा फसलों में वांछित गुण (जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता, उच्च उपज) डाले जाते हैं। इससे उत्पादन बढ़ता है।अनाज के भंडारण में होने वाली हानियाँ कैसे होती हैं?
→ उत्तर: कीट, कवक, नमी, तापमान और चूहों द्वारा अनाज खराब हो जाता है।अच्छी पशुपालन पद्धतियाँ किसानों को कैसे लाभ पहुँचाती हैं?
→ उत्तर: दूध, मांस, अंडे का उत्पादन बढ़ता है, खेती में मदद मिलती है और आय में वृद्धि होती है।पशुपालन के क्या लाभ हैं?
→ उत्तर: दूध, मांस, खाद, खेती में श्रम और आय का स्रोत।उत्पादन बढ़ाने के लिए पोल्ट्री, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन में क्या समानता है?
→ उत्तर: तीनों में वैज्ञानिक प्रबंधन, बेहतर नस्लें और रोग नियंत्रण द्वारा उत्पादन बढ़ाया जाता है।कैप्चर फिशिंग, मैरीकल्चर और एक्वाकल्चर में अंतर स्पष्ट कीजिए।
→ उत्तर:कैप्चर फिशिंग: प्राकृतिक स्रोतों से मछली पकड़ना
मैरीकल्चर: समुद्री जल में मछली पालन
एक्वाकल्चर: मीठे पानी में मछली पालन
बिलकुल 👍
मैंने आपके लिए कक्षा 9 विज्ञान – अध्याय 12 “खाद्य संसाधनों में सुधार” से जुड़े 50 महत्वपूर्ण परीक्षा उपयोगी प्रश्न-उत्तर तैयार किए हैं। इनमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ), लघु उत्तरीय प्रश्न (SA), दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) सब शामिल हैं ताकि आपकी पूरी तैयारी हो सके।
📘 अध्याय 12: खाद्य संसाधनों में सुधार – 50 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
✦ बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) – प्रत्येक 1 अंक
Q1. गेहूँ और चावल हमें किस पोषक तत्व की अधिकता देते हैं?
उत्तर: कार्बोहाइड्रेट
Q2. पौधों को अधिक मात्रा में जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उन्हें क्या कहते हैं?
उत्तर: मैक्रोन्यूट्रिएंट्स
Q3. पौधों को नाइट्रोजन किसके लिए आवश्यक है?
उत्तर: पत्तियों और प्रोटीन निर्माण के लिए
Q4. पौधों को पोटैशियम की आवश्यकता किस कार्य के लिए होती है?
उत्तर: फूल और फल बनने के लिए
Q5. कृषि में फसल चक्र का मुख्य लाभ क्या है?
उत्तर: मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है
Q6. जैविक खाद किससे बनती है?
उत्तर: पौधों और पशुओं के अवशेषों से
Q7. ग्रीन मैन्योर का उदाहरण है –
उत्तर: सन (Sunhemp), ढैंचा
Q8. रासायनिक खाद का एक उदाहरण है –
उत्तर: यूरिया
Q9. “संकरण” (Cross-breeding) किसके लिए किया जाता है?
उत्तर: पशुपालन में उच्च उत्पादन नस्ल तैयार करने के लिए
Q10. ब्रॉयलर किसके लिए पाले जाते हैं?
उत्तर: मांस उत्पादन
✦ लघु उत्तरीय प्रश्न (SA) – प्रत्येक 2-3 अंक
Q11. खाद और उर्वरक में अंतर लिखिए।
उत्तर:
खाद → प्राकृतिक, धीरे-धीरे असर करती है, मिट्टी की बनावट सुधरती है।
उर्वरक → रासायनिक, तेज असर करता है, केवल विशेष पोषक तत्व देता है।
Q12. फसल उत्पादन के लिए नमी क्यों आवश्यक है?
उत्तर: नमी के बिना बीज अंकुरित नहीं होते और पोषक तत्व घुलकर पौधों तक नहीं पहुँचते।
Q13. पौधों को सल्फर क्यों आवश्यक है?
उत्तर: यह प्रोटीन और तेल बनाने में सहायक है।
Q14. जैव उर्वरक क्या है?
उत्तर: ऐसे सूक्ष्मजीव जो पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं। जैसे – नील-हरित शैवाल, राइजोबियम।
Q15. हाइब्रिड किस्म के बीज का क्या लाभ है?
उत्तर: उच्च उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता, सूखा-सहनशीलता।
Q16. जैविक नियंत्रण विधि से आपका क्या आशय है?
उत्तर: कीटों को प्राकृतिक शत्रुओं या जैविक उत्पादों से नियंत्रित करना।
Q17. अनाज के भंडारण में कौन-से जैविक कारक नुकसान पहुँचाते हैं?
उत्तर: कीट, घुन, कवक, चूहे।
Q18. पशुपालन किसानों की आय कैसे बढ़ाता है?
उत्तर: दूध, मांस, खाद, श्रम और अतिरिक्त आय का स्रोत।
Q19. लेयर मुर्गियों के लिए कौन-सा आहार आवश्यक है और क्यों?
उत्तर: कैल्शियम युक्त आहार, ताकि अंडों के छिलके मजबूत हों।
Q20. संयुक्त मत्स्य पालन क्या है?
उत्तर: एक ही तालाब में विभिन्न प्रजातियों की मछलियाँ पालना ताकि तालाब के सभी स्तरों का भोजन उपयोग हो सके।
✦ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (LA) – प्रत्येक 4-5 अंक
Q21. कृषि में उच्च उपज प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से सुधार आवश्यक हैं?
उत्तर:
अच्छी किस्म के बीजों का चयन
सिंचाई सुविधा
खाद और उर्वरक
रोग और कीट नियंत्रण
वैज्ञानिक भंडारण
Q22. फसल उत्पादन सुधार के तीन मुख्य पहलुओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
फसल उत्पादन सुधार (नई किस्में, आनुवंशिक हेरफेर)
फसल संरक्षण (कीट और रोग नियंत्रण)
फसल प्रबंधन (सिंचाई, खाद, भंडारण)
Q23. फसल चक्र के तीन लाभ लिखिए।
उत्तर:
मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है
रोग और कीट कम होते हैं
पोषक तत्वों का संतुलन बना रहता है
Q24. मत्स्य पालन के लाभ बताइए।
उत्तर:
प्रोटीन युक्त भोजन
रोजगार और आय का स्रोत
निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जन
कृषि के साथ जुड़ा अतिरिक्त व्यवसाय
Q25. शहद उत्पादन किसानों के लिए कैसे उपयोगी है?
उत्तर:
अतिरिक्त आय का स्रोत
परागण से फसलों की उपज बढ़ती है
शहद औषधीय और पोषक तत्वों से भरपूर
✦ बहुविकल्पीय/रिक्त स्थान पूर्ति (1 अंक)
Q26. अंतरफसली खेती से क्या लाभ मिलता है? → उत्तर: कीट नियंत्रण और मिट्टी का बेहतर उपयोग
Q27. राइजोबियम किस पोषक तत्व को स्थिर करता है? → उत्तर: नाइट्रोजन
Q28. फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है – खाद या उर्वरक? → उत्तर: दोनों
Q29. मछली पालन का वैज्ञानिक नाम क्या है? → उत्तर: एक्वाकल्चर
Q30. शहद की गुणवत्ता किस पर निर्भर करती है? → उत्तर: पास्चुरेज (फूलों का प्रकार)
✦ लघु उत्तरीय प्रश्न (2-3 अंक)
Q31. अनुवांशिक हेरफेर से फसलों में कौन-से गुण लाए जा सकते हैं?
उत्तर: रोग प्रतिरोधक क्षमता, सूखा-सहनशीलता, उच्च उपज।
Q32. डेयरी फार्मिंग में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: स्वच्छता, संतुलित आहार, टीकाकरण, अच्छे नस्ल वाले पशु।
Q33. फसलों की हानि के अजैविक कारण लिखिए।
उत्तर: अधिक नमी, अनुचित तापमान, खराब भंडारण।
Q34. पोल्ट्री फार्मिंग में वैज्ञानिक प्रबंधन के क्या लाभ हैं?
उत्तर: अधिक अंडा और मांस उत्पादन, रोग नियंत्रण।
Q35. “मैरीकल्चर” से आपका क्या आशय है?
उत्तर: समुद्री जल में मछली और अन्य जलीय जीवों का पालन।
✦ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (4-5 अंक)
Q36. खाद और उर्वरक में 4 अंतर बताइए।
उत्तर:
खाद (Manure) | उर्वरक (Fertilizer) |
---|---|
यह प्राकृतिक पदार्थ है, जो पौधों एवं पशुओं के अपशिष्ट से बनता है। | यह रासायनिक रूप से तैयार किया जाता है। |
इसमें सभी पोषक तत्व थोड़ी-थोड़ी मात्रा में होते हैं। | इसमें विशेष पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं (जैसे N, P, K)। |
यह मिट्टी की संरचना और जल धारण क्षमता को सुधारता है। | यह मिट्टी की संरचना में सुधार नहीं करता। |
पौधों पर धीरे-धीरे प्रभाव दिखाता है। | पौधों पर तुरंत असर दिखाता है। |
Q37. पशुपालन के चार लाभ लिखिए।
उत्तर:
दूध, मांस और अंडा प्राप्त होता है।
पशुओं से खाद और खेतों के लिए श्रम मिलता है।
किसानों की अतिरिक्त आय का स्रोत बनता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
Q38. अंतरफसली खेती और फसल चक्र में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अंतरफसली खेती (Intercropping) | फसल चक्र (Crop Rotation) |
---|---|
एक ही खेत में एक साथ दो या अधिक फसलें बोई जाती हैं। | एक ही खेत में अलग-अलग मौसम में अलग-अलग फसलें बोई जाती हैं। |
इससे पोषक तत्वों का अधिकतम उपयोग होता है। | इससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। |
कीट और रोगों का प्रकोप कम होता है। | रोग और खरपतवार का चक्र टूट जाता है। |
उदाहरण: गेहूँ + चना। | उदाहरण: गेहूँ के बाद दलहन। |
Q39. मत्स्य पालन के प्रकार समझाइए।
उत्तर:
मत्स्य पालन को तीन प्रकारों में बाँटा जा सकता है –
कैप्चर फिशिंग (Capture Fishing):
समुद्र, नदियों, झीलों से प्राकृतिक रूप से मछली पकड़ना।
मैरीकल्चर (Mariculture):
समुद्री जल में मछली और अन्य जलीय जीवों का पालन करना।
एक्वाकल्चर (Aquaculture):
कृत्रिम तालाबों या मीठे पानी में मछली पालन करना (जैसे संयुक्त मत्स्य पालन)।
Q40. मधुमक्खी पालन के लाभ लिखिए।
उत्तर:
किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलता है।
शहद और मोम से आर्थिक लाभ होता है।
मधुमक्खियाँ परागण करती हैं, जिससे फसलों की उपज बढ़ती है।
शहद औषधीय और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
✦ अत्यंत लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
Q41. “पास्चुरेज” किसे कहते हैं?
→ मधुमक्खियों द्वारा पराग और मकरंद एकत्र करने का क्षेत्र।
Q42. यूरिया किसका स्रोत है?
→ नाइट्रोजन।
Q43. भारत में मुख्यतः कौन-सी मछलियाँ खाई जाती हैं?
→ रोहू, कतला, मृगल।
Q44. ब्रॉयलर को किस प्रकार का आहार दिया जाता है?
→ प्रोटीन युक्त।
Q45. लेयर किसके लिए पाली जाती हैं?
→ अंडा उत्पादन।
✦ लघु/दीर्घ मिश्रित प्रश्न
Q46. जैविक खाद का एक लाभ और एक हानि लिखिए।
उत्तर:
लाभ: मिट्टी की संरचना सुधारती है और दीर्घकाल तक उर्वरता बनाए रखती है।
हानि: इसका प्रभाव धीरे-धीरे दिखाई देता है और बड़ी मात्रा में चाहिए।
Q47. संकरण (Cross-breeding) का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
विदेशी नस्ल “जर्सी” और भारतीय नस्ल “साहीवाल” का संकरण → अधिक दूध देने वाली और रोग-प्रतिरोधक नस्ल।
Q48. संयुक्त मत्स्य पालन क्यों लाभकारी है?
उत्तर:
तालाब के सभी स्तरों का भोजन उपयोग होता है।
अलग-अलग प्रजातियाँ आपस में प्रतिस्पर्धा नहीं करतीं।
उत्पादन और लाभ दोनों बढ़ते हैं।
Q49. किसानों के लिए मधुमक्खी पालन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
शहद और मोम से आय होती है।
फसलों की उपज परागण से अधिक होती है।
यह एक सस्ती और अतिरिक्त आय देने वाली तकनीक है।
Q50. इस अध्याय से सीखी गई 3 प्रमुख बातें लिखिए।
उत्तर:
खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक तकनीकें (जैसे अंतरफसली खेती, फसल चक्र, संकरण) आवश्यक हैं।
पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन किसानों की आय और पोषण दोनों बढ़ाते हैं।
खाद, उर्वरक, जैविक नियंत्रण और भंडारण तकनीकें टिकाऊ कृषि के लिए जरूरी हैं।