उचित आहार – स्वस्थ शरीर का आधार

अध्याय 3: उचित आहार – स्वस्थ शरीर का आधार

मुख्य बिंदु:

  • आहार में विविधता: भारत में विभिन्न प्रकार के आहार खाए जाते हैं, जिनमें अलग-अलग खाद्य घटक होते हैं। आहार की विविधता क्षेत्र की फसलों, स्वाद, संस्कृति और परंपराओं पर निर्भर करती है।

  • पाक पद्धतियों में परिवर्तन: खाना पकाने के तरीके (पाक पद्धतियाँ) समय के साथ बदल गए हैं, पारंपरिक चूल्हों से आधुनिक गैस चूल्हों और सिल-बट्टे से इलेक्ट्रिक ग्राइंडर तक।

  • भोजन के घटक (पोषक तत्व): भोजन हमें ऊर्जा देता है, शरीर की वृद्धि और विकास में मदद करता है, और हमें बीमारियों से बचाता है। मुख्य पोषक तत्व हैं:

    • कार्बोहाइड्रेट और वसा (ऊर्जा प्रदायी भोजन): ये शरीर को ऊर्जा देते हैं। कार्बोहाइड्रेट अनाज (गेहूं, चावल), आलू, शकरकंद और फलों (केला, अनानास) में पाए जाते हैं। वसा मूंगफली, अखरोट, बादाम, तेल और घी में होती है।

    • प्रोटीन (शरीर वर्धक भोजन): ये शरीर की वृद्धि और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण हैं। दालें, फलियाँ, मटर, दूध, पनीर, अंडा, मछली और मांस प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।

    • विटामिन और खनिज (सुरक्षात्मक पोषक तत्व): ये शरीर को रोगों से बचाते हैं और स्वस्थ रखते हैं।

      • विटामिन A: आँखों और त्वचा के लिए (पपीता, गाजर, आम, दूध)। कमी से रतौंधी हो सकती है।

      • विटामिन B1: हृदय और विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए (फलियाँ, अनाज, दूध)। कमी से बेरीबेरी हो सकती है।

      • विटामिन C: शरीर को रोगों से बचाता है (आँवला, अमरूद, हरी मिर्च, संतरा, नींबू)। कमी से स्कर्वी हो सकती है।

      • विटामिन D: हड्डियों और दाँतों के स्वास्थ्य के लिए, कैल्शियम अवशोषण में सहायक (सूर्य का प्रकाश, दूध, मक्खन, मछली)। कमी से रिकेट्स हो सकता है।

      • कैल्शियम: हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ रखता है (दूध, दही, पनीर)। कमी से दुर्बल अस्थियाँ।

      • आयोडीन: शारीरिक और मानसिक क्रियाओं के लिए (आयोडीनयुक्त नमक, सिंघाड़ा, समुद्री शैवाल)। कमी से घेघा रोग।

      • आयरन (लौह तत्व): रक्त का महत्वपूर्ण घटक (हरे पत्तेदार साग, चुकंदर, अनार)। कमी से एनीमिया।

  • रूक्षांश (फाइबर) और जल: ये पोषक तत्व नहीं हैं, लेकिन पाचन और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने के लिए आवश्यक हैं। साबुत अनाज, फल, साग और मेवे रूक्षांश के अच्छे स्रोत हैं। जल पोषक तत्वों को अवशोषित करने और अपशिष्ट निकालने में मदद करता है।

  • संतुलित आहार: वह आहार जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व, रूक्षांश और जल सही मात्रा में हों, संतुलित आहार कहलाता है। यह आयु, लिंग, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।

  • जंक फूड: उच्च चीनी और वसा वाले, लेकिन कम प्रोटीन, खनिज और विटामिन वाले खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं और मोटापे का कारण बन सकते हैं।

  • मिलेट (मोटा अनाज): ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा जैसे मोटे अनाज पोषक अनाज कहलाते हैं। ये विटामिन, आयरन, कैल्शियम और फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं और विभिन्न जलवायु में आसानी से उगाए जा सकते हैं।

  • खाद्य मील (Food Mile): किसी खाद्य पदार्थ द्वारा उत्पादन स्थान से उपभोक्ता तक तय की गई कुल दूरी को खाद्य मील कहते हैं। इसे कम करना पर्यावरण और स्थानीय किसानों के लिए अच्छा है।

  • भोजन का सम्मान: हमें भोजन बर्बाद नहीं करना चाहिए और उतना ही लेना चाहिए जितना हम खा सकें।

महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर:

1. भोजन के मुख्य घटक क्या हैं? प्रत्येक का कार्य और स्रोत लिखिए।
उत्तर: भोजन के मुख्य घटक हैं कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन और खनिज।

  • कार्बोहाइड्रेट:

    • कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना।

    • स्रोत: अनाज (गेहूं, चावल, मक्का), आलू, शकरकंद, केला, अनानास, आम, चीनी।

  • वसा:

    • कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना और ऊर्जा का संग्रह करना।

    • स्रोत: मूंगफली, अखरोट, बादाम, तेल (सरसों, नारियल, सूरजमुखी), घी, मक्खन।

  • प्रोटीन:

    • कार्य: शरीर की वृद्धि और मरम्मत।

    • स्रोत: दालें (मूंग, अरहर), फलियाँ, मटर, दूध, पनीर, अंडा, मछली, मांस, सोयाबीन।

  • विटामिन:

    • कार्य: शरीर को रोगों से बचाना और स्वस्थ रखना।

    • स्रोत: विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियाँ, दूध, अंडे आदि। (जैसे विटामिन A पपीता, गाजर में, विटामिन C खट्टे फलों में, विटामिन D सूर्य के प्रकाश और दूध में)

  • खनिज:

    • कार्य: शरीर की विभिन्न क्रियाओं को सुचारू रखना और स्वस्थ हड्डियों व रक्त के लिए।

    • स्रोत: आयोडीनयुक्त नमक, दूध, हरे पत्तेदार साग, चुकंदर आदि।

2. संतुलित आहार किसे कहते हैं और यह हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर: वह आहार जिसमें शरीर की समुचित वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व (कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन, खनिज), रूक्षांश और जल सही मात्रा में हों, उसे संतुलित आहार कहते हैं। यह हमारे लिए इसलिए आवश्यक है क्योंकि यह हमें पर्याप्त ऊर्जा देता है, शरीर को बीमारियों से बचाता है, और हमें स्वस्थ व सक्रिय रखता है।

3. जंक फूड क्या हैं और ये हमारे स्वास्थ्य के लिए क्यों हानिकारक हैं?
उत्तर: जंक फूड वे खाद्य पदार्थ हैं जिनमें उच्च मात्रा में शर्करा और वसा होती है, लेकिन प्रोटीन, खनिज, विटामिन और आहारीय रेशे बहुत कम होते हैं। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं क्योंकि इनका अधिक सेवन मोटापे और अन्य स्वास्थ्य संबंधी रोगों का कारण बन सकता है। उदाहरण: आलू के चिप्स, टॉफी, कार्बोनेटेड पेय।

4. विटामिन C की कमी से कौन सा रोग होता है? इस रोग के लक्षण और बचाव के उपाय बताइए।
उत्तर: विटामिन C की कमी से स्कर्वी रोग होता है।

  • लक्षण: मसूड़ों से खून निकलना, मसूड़ों में सूजन और घाव भरने में अधिक समय लगना।

  • बचाव के उपाय: विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे आँवला, अमरूद, हरी मिर्च, संतरा, नींबू आदि का सेवन करना चाहिए।

5. खाद्य मील (Food Mile) क्या है? इसे कम करना क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: किसी खाद्य पदार्थ द्वारा उसके उत्पादन के स्थान से उपभोक्ता तक तय की गई कुल दूरी को उसका खाद्य मील (Food Mile) कहते हैं। इसे कम करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे परिवहन के दौरान लगने वाली लागत और प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है। साथ ही, यह स्थानीय किसानों के व्यवसायों को बढ़ावा देता है और हमें अधिक ताज़ा व स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराता है।

6. खाना पकाने की पद्धतियाँ समय के साथ कैसे बदली हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर: खाना पकाने की पद्धतियाँ (पाक पद्धतियाँ) समय के साथ काफी बदल गई हैं।

  • पहले: लोग भोजन पकाने के लिए अधिकतर पारंपरिक चूल्हों का उपयोग करते थे। अनाज पीसने के लिए पत्थर के सिल-बट्टे का उपयोग हाथों से किया जाता था।

  • अब: अधिकांश लोग आधुनिक गैस चूल्हों का उपयोग करते हैं। खाद्य पदार्थों को आसानी से पीसने के लिए इलेक्ट्रिक ग्राइंडर (विद्युत चालित पिसाई मशीन) का उपयोग किया जाता है।
    ये परिवर्तन तकनीकी विकास, बेहतर परिवहन और संचार साधनों के कारण हुए हैं।

7. आयोडीन की कमी से होने वाले रोग के लक्षण और उसके बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर: आयोडीन की कमी से घेघा (गॉयटर) नामक रोग होता है।

  • लक्षण: गर्दन के अगले भाग में सूजन।

  • बचाव के उपाय: आयोडीनयुक्त नमक का सेवन करना चाहिए। आयोडीन के अन्य स्रोत सिंघाड़ा और समुद्री शैवाल हैं।

8. हमें फल और साग-सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही क्यों खाना चाहिए?
उत्तर: हमें फल और साग-सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाना चाहिए क्योंकि उन पर धूल, मिट्टी, कीटनाशक और अन्य हानिकारक पदार्थ लगे हो सकते हैं। धोने से ये पदार्थ हट जाते हैं और हमें स्वस्थ भोजन मिलता है। इसके अलावा, कटी या छिली हुई सब्जियों को धोने से कुछ विटामिन नष्ट हो सकते हैं, इसलिए उन्हें काटने या छीलने से पहले धोना बेहतर होता है।

9. प्रोटीन की उपस्थिति का परीक्षण कैसे करेंगे?
उत्तर: प्रोटीन की उपस्थिति का परीक्षण करने के लिए:

  1. खाद्य पदार्थ की थोड़ी मात्रा (ठोस होने पर पेस्ट या चूर्ण बनाकर) एक साफ परखनली में लें।

  2. इसमें 2-3 चम्मच पानी डालकर अच्छी तरह हिलाएँ।

  3. ड्रॉपर की सहायता से परखनली में कॉपर सल्फेट विलयन की दो बूँदें डालें।

  4. एक और ड्रॉपर से कास्टिक सोडा विलयन की 10 बूँदें डालें।

  5. परखनली को अच्छी तरह हिलाएँ और कुछ मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
    यदि परखनली में पदार्थ का रंग बैंगनी हो जाए, तो यह प्रोटीन की उपस्थिति को दर्शाता है।

10. हमें भोजन बर्बाद क्यों नहीं करना चाहिए?
उत्तर: हमें भोजन बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे उगाने, तैयार करने और हम तक पहुँचाने में बहुत अधिक समय, श्रम और संसाधनों (पानी, ऊर्जा) का उपयोग होता है। भोजन की बर्बादी से संसाधनों की बर्बादी होती है और पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही, दुनिया में बहुत से लोग भूखे हैं, इसलिए भोजन का सम्मान करना और उतना ही लेना चाहिए जितना हम खा सकें, यह एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।


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